श्याम पागल हमें बना दिया भजन
छोड़ के सारी दुनिया बाबा , तेरे दर पे आये हैं,
जब से देखा तुझको बाबा, चैन से सो नही पाये हैं,
तूने पागल हमे बना दिया, नाचेंगे तेरे कीर्तन में,
तूने पागल हमे बना दिया , नाचेंगे तेरे कीर्तन में,
अब खोल के नैना देख ज़रा, हम तेरे दीवाने आये हैं,
परदे में छूपने ना देंगे, आज तुझे नचाने आये हैं,
मस्ती का जाम पिला दिया, नाचेंगे तेरे कीर्तन में,
तूने पागल हमे बना दिया , नाचेंगे तेरे कीर्तन में
सिंहासन छोड़ो साँवरिया, भक्तो के बीच में आ जाओ,
तुम नाच देखते हो सबका, आज अपना नाच दिखा जाओ,
लो प्रेम का ढोल बजा दिया, नाचेंगे तेरे कीर्तन में,
तूने पागल हमे बना दिया , नाचेंगे तेरे कीर्तन में
वहाँ बंसी एक बजाई थी, यहाँ साज अनेको बाज रहे,
ना देर लगाओ साँवरिया, सब झूम झूम के नाच रहे,
तेरा सुंदर भवन सजा दिया, नाचेंगे तेरे कीर्तन में,
तूने पागल हमे बना दिया, नाचेंगे तेरे कीर्तन में,
"हरीश" (हरीश मगन सैनी जी-गायक) कहे साँवरिया तुम, भक्तो का मान बढ़ाते हो,
"भूलन त्यागी" (लेखक) कहे साँवरे, क्यों नहीं जल्दी आते हो,
आँखों में तुझे बसा दिया, नाचेंगे तेरे कीर्तन में,
तूने पागल हमे बना दिया, नाचेंगे तेरे कीर्तन में,
श्याम शिरोमणी कीर्तन मण्डल, पालम में मशहूर है,
फागण की ग्यारस को कीर्तन, होता सदा जरूर है,
तूने अपना नशा चढ़ा दिया, नाचेंगे तेरे कीर्तन में,
तूने पागल हमे बना दिया, नाचेंगे तेरे कीर्तन में,
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