फ़ागुन आ गयो रे भजन
फागुन, फागुन,फागुन, फागुन,
फागुन आ ग्यो रे,
चालो चालो, खाटू रंग बरसण लाग्यो रे,
सोना बरसे, चाँदी बरसे, बरसे रंग गुलाल,
दर्शन में थारे रंग बसे श्याम गुलाबी लाल,
नाचत नाचत श्याम तू भगतां में मिल ग्यो रे,
चालो चालो, खाटू रंग बरसण लाग्यो रे,
एसो रंग, दियो थाने बाबा, भगतां मिल कर आज,
भगतां मिल कर आज,
भेद भाव ना राखे रसियों, अस्यो रंगियो है आज,
अस्यो रंगियो है आज,
फ़ागुनिये में अरज लगाईं, म्हारों बाबा सुन गयो रे,
चालो चालो, खाटू रंग बरसण लाग्यो रे,
थारी धमाल, करे कमाल, होली रंग में श्याम,
श्याम नाम की, रंग पिचकारी, बरसे खाटू गाँव,
एसी मटकी फोड़ी "सज्जन" (सज्जन कुमार सोनी जी लेखक) डोर हिला ग्यो रे,
चालो चालो खाटू रंग बरसण लाग्यो रे,
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं