फागुन की ग्यारस जब आ जाती है लिरिक्स Fagun Ki Gyaras Jab Aati Hai Lyrics

फागुन की ग्यारस जब आ जाती है लिरिक्स Fagun Ki Gyaras Jab Aati Hai Lyrics

 
फागुन की ग्यारस जब आ जाती है लिरिक्स Fagun Ki Gyaras Jab Aati Hai Lyrics

फागुन की ग्यारस जब आ जाती है तो,
सांवरे की याद सताती है,
खाटू की गाड़ी जब छूट जाती है तो,
बेचैनी बढ़ जाती है,

फागुन में बाबा का लगता है मेला,
श्याम प्रेमियों का आता है रेला,
होती है मेहरबानियाँ,
भरती है सबकी झोलियां,
फागुन की ग्यारस जब आ जाती है तो,
साँवरे की याद सताती है,

खाटू की गलियों में उड़ती गुलाल है,
साँवरे के सेवक करते धमाल है,
लगती है लाखों अर्जियाँ,
होती है सुनवाईयाँ,
खाटू की गाड़ी जब छूट जाती है तो,
बेचैनी बढ़ जाती है,
लम्बी कतारों में दिखते निशान हैं,
पूरे यहाँ पर होते सबके अरमान हैं,
"जय कौशिक" (जय कौशिक) जो भी लिख रहा,
लिखवाते बाबा श्याम हैं,
फागण की ग्यारस जब आ जाती है तो,
सावरे की याद सताती है,
फागुन की ग्यारस जब आ जाती है तो,
साँवरे की याद सताती है,
खाटू की गाड़ी जब छूट जाती है तो,
बेचैनी बढ़ जाती है,


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