गुलाम खाटू वाले का (जब से साँवरिया से पहचान हो गई) लिरिक्स Jab Se Sanvariya Se Pahchan Ho Gayi Lyrics
जब से साँवरिया से, पहचान हो गई,
जिंगदी तब से, खाटू वाले की गुलाम हो गई,
ज़िन्दगी तब से खाटू वाले की ग़ुलाम हो गई,
मेरे घर में कमी नहीं अब किस बात की,
जब से मने चौकठ चूमीं है श्याम की,
तब से उस की रहमत की बरसात हो गई,
जिंगदी तब से, खाटू वाले की गुलाम हो गई,
ज़िन्दगी तब से खाटू वाले की ग़ुलाम हो गई,
जब से रंग चढ़ा है, खाटू धाम का,
कहने लगे दीवाना है ये तो श्याम का,
जब से निगाहे उस की मेहरबान हो गई,
जिंगदी तब से, खाटू वाले की गुलाम हो गई,
जिंगदी तब से, खाटू वाले की गुलाम हो गई,
ज़िन्दगी तब से खाटू वाले की ग़ुलाम हो गई,
मेरे घर में कमी नहीं अब किस बात की,
जब से मने चौकठ चूमीं है श्याम की,
तब से उस की रहमत की बरसात हो गई,
जिंगदी तब से, खाटू वाले की गुलाम हो गई,
ज़िन्दगी तब से खाटू वाले की ग़ुलाम हो गई,
जब से रंग चढ़ा है, खाटू धाम का,
कहने लगे दीवाना है ये तो श्याम का,
जब से निगाहे उस की मेहरबान हो गई,
जिंगदी तब से, खाटू वाले की गुलाम हो गई,
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