कोरोना वाइरस से बचाव आयुर्वेद और कोरोना वायरस Corona Virus Precaution Ayurveda and Corona Virus

कोरोना वायरस से बेवजह डरें नहीं लेकिन इसे हल्के में भी ना लें।

कोरोना वाइरस क्या है What Is Corona Virus विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत, ब्रिटेन और अमरीका समेत Coronavirus: कोविड-19 (COVID-19) अब दुनिया के 166 देशों में फैल गया है और इसके कारण 9927 मौतें हो चुकी हैं। हालांकि भारत में अभी इसका फैलाव ज्यादा नहीं हुआ है या कह सकते हैं की समय पर इसकी रोकथाम के उपाय सरकार दे द्वारा शुरू कर दिए है। कोरोना वायरस या कोविड 19 एक तरह के संक्रामक वायरस के परिवार से ही सबंधित वाइरस है। यह आरएनए वायरस होते हैं। इनके कारण मानवों में श्वास तंत्र संक्रमण पैदा होता है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के द्वारा इसे महामारी घोषित कर दिया गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। कोरोना वायरस के सबंध में मुख्य है - 

कोरोना वाइरस से दुनिया भर में अब तक 9927 लोगों की मौत हो चुकी हैं।
ईरान देश में अब तक कोरोना से 853 और दक्षिण कोरिया में 81 लोगों की मौत हो चुकी है।
इटली में ही अब तक कोरोना से 2,158 लोगों की मौत हो गयी है और इटली में यह काफी तेजी से फैला है।
चीन, जहाँ से इस वायरस की शुरुआत हुई है, में अब तक कोरोना से प्रभावित लोगों की संख्या 80,824 हो गयी है.
वर्तमान में पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेने वाले इस वाइरस के कारण चीन में अब तक कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या कुल करीब 3200 हो गयी है।
दुनिया भर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2,45,049 हो गई है, जो बहुत चिंता का विषय है।

कोरोना वायरस के लक्षण : (Corona virus) Systems of Corona Virus कोविड-19 (COVID-19) के लक्षण सामान्य फ्लू से मिलते जुलते ही होते हैं। संक्रमण के के उपरान्त व्यक्ति को बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। Corona virus: कोविड-19 (COVID-19), कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, इसीलिए इसे संक्रामक रोग कहा जाता है। इसी कारन से इसे लेकर बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। खास तौर पर अधिक उम्र के लोग और जिन्हें पहले से अस्थमा, डायबिटीज़ और हार्ट की बीमारी है उन लोगों के लिए यह वायरस बहुत घातक सिद्ध होता है। जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उन लोगों पर या वायरस तेजी से असर दिखाता है। 

कोरोना वाइरस से बचाव आयुर्वेद और कोरोना वायरस Corona Virus Precaution Ayurveda and Corona Virus

वैज्ञानिकों और चिकित्सकों ने नोवेल कोरोना वायरस (Corona Virus) से जुड़े लक्षणों पहचान करने के बाद पाया है की इसके लक्षण आम बुखार के जैसे ही हैं। चीन के वुहान में अस्पताल में भर्ती 140 रोगियों पर हुए अध्ययन के अनुसार, अन्य लक्षणों में थकान, सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में तकलीफ आदि शामिल हैं। 

यदि प्राथमिक लक्षणों की बात की जाय तो इसके लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं :-
  • सिर में अकारण दर्द का रहना।
  • नाक बहना / छींके आना।
  • गले में खरांस रहना, गले में दर्द होना।
  • साँस लेने में तकलीफ़ होना।

कोरोना वायरस से बचाव कैसे करें Precaution of Corona Virus

किसी भी रोग के सबंध में विशेष है की इलाज से महत्वपूर्ण है बचाव। इस रोग को फैलने से रोकने के लिए आप अपने स्तर पर निम्न उपाय कर सकते हैं।
इस वायरस ले बचने के लिए आप अपने स्तर पर कुछ सावधानियाँ रख सकते हैं।

अपने मुंह को मास्क या किसी सूती रुमाल से ढककर रखें और समय समय पर मास्क/ कपडे को डेटोल आदि से धो कर साफ़ रखें।
अनावश्यक लोगों की भीड़ में जाने से बचे और उनसे दूरी बनाये रखें। किसी भी प्रकार के संपर्क में सावधानी रखें और अपने हाथों को सेनेटाइजर से साफ करें।
बीमार व्यक्तियों से डिस्टेंस बनाये रखें।
यदि कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक के सलाह लेवें और ऐसे किसी विषय को चिकित्सक से छुपाएं नहीं। इस रोग में अपना वैद्य खुद बनने की कोशिश बिलकुल भी नहीं करें।
अकारण घर से बाहर नहीं निकलें और "सोशल डिस्टेंस" को बनाये रखें।

कोरोना वायरस के सबंध में कुछ तथ्य :
क्या गर्मी बढ़ने से समाप्त हो जाएगा कोरोना वायरस ? Coronavirus: कोविड-19 (COVID-19) के ऊपर तापमान बढ़ने से क्या असर होता है अभी तक इसके पुष्ट परिणाम सामने नहीं आएं हैं लेकिन अभी तक इस सबंध में इतना ही ज्ञात हो सका है की यह वायरस जिन देशों में ज्यादा गर्मीं होती है वहां पर इसका फैलाव कम देखने को मिला है। कुछ लोगों का मानना है की तापमान में बढ़ोत्तरी के साथ भारत जैसे गर्म जलवायु वाले देशों में इसका असर स्वतः ही कम होने लगेगा हालांकि इस सबंध में कोई निश्चित जानकारी उपलब्ध नहीं है।

क्या कोरोना वायरस साँसों से / संपर्क से फैलता है : यह एक संक्रामक रोग है, मतलब की एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को लगना। यह रोग संक्रमित व्यक्ति के खांसने, थूकने और छूने से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने और उसके सामान को उपयोग में लेने से भी यह वायरस फैल सकता है। इसलिए विशेष है की यदि आपको पता ना हो तब भी आप सोशल डिस्टेंस का सख्ती से पालन करें और सरकार/स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा इस सबंध में जारी दिशा निर्देश का कड़ाई से पालन करें, यही आपके लिए और दूसरों के लिए महत्वपूर्ण है।

आयुर्वेदा और कोरोना वायरस : क्या आयुर्वेदा से कोरोना वायरस दूर किया जा सकता है Ayurveda And Corona Virus यदि कोई संक्रमित व्यक्ति है, किसी को संदेह है की उसमे कोई लक्षण हैं तो सर्प्रथम उसे चिकित्सक को दिखाना चाहिए। यह कोई ऐसा रोग नहीं है जिसे घरेलु टोटकों से दूर कर लिया जाय, रही बात स्वस्थ व्यक्ति की, वे वैद्य की सलाह के उपरान्त निम्न ओषधियों का उपयोग स्वंय की रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास/वृद्धि के लिए कर सकते हैं। नीचे दिए गए उपाय आजमाने से पहले चिकित्सक की सलाह अवश्य लेवें।

नीम गिलोय का क्वाथ आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है इसलिए इसका उपयोग करें। (अधिक जाने : गिलोय क्वाथ के लाभ )
आप चाहें तो गिलोय सत (अधिक जानें : गिलोय सत लाभ ) का भी उपयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए कर सकते हैं।
श्यामा तुलसी के कुछ पत्ते आप चाय में ड़ालकर नियमित रूप से उसका सेवन करें।
यदि आपको कफ की शिकायत है तो आप श्वासारि क्वाथ (अधिक जाने : पतंजलि श्वासारि क्वाथ फायदे और उपयोग Patanjali Swasari Kvath Benefits and Usage ) करें।
दूध को गुनगुना करके उसमे हल्दी मिलाकर पियें।
गुडुची, नीम गिलोय घनवटी और आरोग्यवटी का उपयोग भी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में लाभकारी है।
विशेष है की आयुर्वेदा में ऐसी कई दवाएं हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती हैं, इसके लिए आप वैद्य की सलाह अवश्य लेवें।
The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.

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