कलयुग का ये देव निराला श्यामधणी मेरा ये खाटू वाला लिरिक्स Kalyug Ka Ye Dev Nirala Lyrics

कलयुग का ये देव निराला श्यामधणी मेरा ये खाटू वाला लिरिक्स Kalyug Ka Ye Dev Nirala Lyrics

 
कलयुग का ये देव निराला श्यामधणी मेरा ये खाटू वाला लिरिक्स Kalyug Ka Ye Dev Nirala Lyrics

श्यामधणी मेरा ये खाटू वाला,
कलयुग का ये, देव निराला,
श्यामधणी मेरा ये खाटू वाला,
हाथ पसारे जो भी आया,
उसी को मालामाल कर दिया,
उसी को माला माल कर दिया,
उसीं को माला माल कर दिया,
हाथ पसारे जो भी आया,
उसी को मालामाल कर दिया,

नए भगत की पहले सुनता, ये है लीलाधारी,
बिन माँगे ही झोली भरता ऐसा है दातारी,
जिसने भी दर पे शीश झुकाया, मन चाहा फल उसने पाया,
बन के सुदामा जो भी आया, उसी को लालों लाल कर दिया,

अँधा दर पे आंखे पाता, निर्धन पाएं माया,
बांझन को बेटा मिल जाता, कोढ़ी कंचन काया,
दुखड़ों से लड़ के जिसने पुकारां,
बन कर के आया उसका साहरा,
नंगे पैरी ही दौड़ा आया,
देखो रे क्या कमाल कर दिया,
कालीकाल में इनके जैसा देव नहीं दूजा,
"हर्ष" (लेखक) कहे घर घर में होती श्याम धणी की पूजा,
हाँ हाँ श्याम धणी की पूजा,
श्रद्धा से जिसने ज्योत जलाई,
इक पल में उसकी करता सुनाई,
जिसने भरोसा दिखलाया,
उसी को तो निहाल कर दिया,
कलयुग का ये, देव निराला,
श्यामधणी मेरा ये खाटू वाला,
हाथ पसारे जो भी आया,
उसी को मालामाल कर दिया,


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