राधे राधे गा ले मन, दूर नहीं है वृन्दावन, दूर नहीं है वृन्दावन, दूर नहीं है वृन्दावन, अर्पण कर अपना तन मन, दूर नहीं है वृन्दावन, राधे राधे गा ले मन, दूर नहीं है वृन्दावन, दूर नहीं है वृन्दावन, दूर नहीं है वृन्दावन,
वृन्दावन में जो कोई आता,
राधा वल्लभ दर्शन पाता, राधा वल्लभ दर्शन पाता, शीतल कर अपना तन मन, दूर नहीं है वृन्दावन, राधे राधे गा ले मन, दूर नहीं है वृन्दावन, दूर नहीं है वृन्दावन, दूर नहीं है वृन्दावन,
राधे के जो हुए दीवानें, झूम रहें हैं हो मस्तानें, खिल जाए मन का उपवन, दूर नहीं है वृन्दावन, राधे राधे गा ले मन, दूर नहीं है वृन्दावन,
Anurag Krishna Shastri Ji Bhajan Lyrics Hindi,Radha Rani Bhajan Lyrics in Hindi
दूर नहीं है वृन्दावन, दूर नहीं है वृन्दावन,
राधे राधे मन से गा ले, जीवन अपना सफल बना ले, जीवन अपना सफल बना ले, कर लो हृदय में तुम दर्शन, दूर नहीं है वृन्दावन, राधे राधे गा ले मन, दूर नहीं है वृन्दावन, दूर नहीं है वृन्दावन, दूर नहीं है वृन्दावन,
तेरा मन हो जाए पावन, मन बन जाए रज वृन्दावन,
मन बन जाए रज बृन्दावन, मन में बस जाएँ मोहन, दूर नहीं है वृन्दावन, राधे राधे गा ले मन, दूर नहीं है वृन्दावन, दूर नहीं है वृन्दावन, दूर नहीं है वृन्दावन, राधे राधे गा ले मन, दूर नहीं है वृन्दावन, दूर नहीं है वृन्दावन, दूर नहीं है वृन्दावन, अर्पण कर अपना तन मन, दूर नहीं है वृन्दावन, राधे राधे गा ले मन, दूर नहीं है वृन्दावन, दूर नहीं है वृन्दावन, दूर नहीं है वृन्दावन,
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