शेरावाली की लगालो जय जयकार भक्तों

शेरावाली की लगालो जय जयकार भक्तों

(मुखड़ा)
माँ साँसें भी देती,
उधार भक्तों,
शेरावाली की लगा लो,
जय जयकार भक्तों।।

(अंतरा)
जय जय दुर्गा, जय माँ काली,
जय जय अंबे महारानी,
अर्धकुमारी, कालरात्रि,
जय जय माँ ज्वालारानी,
तोड़ा अकबर का माँ ने,
गुमान भक्तों,
शेरावाली की लगा लो,
जय जयकार भक्तों।।

सच्ची ज्योति भवन निराला,
नमन तुम्हें कटरेवाली,
झंडे लेके आए भक्त,
प्रणाम तुम्हें झंडेवाली,
लांगूर भैरव हैं माँ के,
दरबान भक्तों,
शेरावाली की लगा लो,
जय जयकार भक्तों।।

यश, कीर्ति और भक्ति, वैभव,
तेरी कृपा से आता है,
करता जो तेरा सुमिरण,
वो भवसागर तर जाता है,
लिखी महिमा 'शुभम' ने,
महान भक्तों,
गाए महिमा 'प्रमोद' है,
गुलाम भक्तों,
शेरावाली की लगा लो,
जय जयकार भक्तों।।

(पुनरावृति)
माँ साँसें भी देती,
उधार भक्तों,
शेरावाली की लगा लो,
जय जयकार भक्तों।।
 

 

माँ अंबे की महिमा, उनकी शक्ति, और भक्तों को दिए गए उनके आशीर्वाद का वर्णन किया गया है। माँ भक्तों के संकट हरने वाली और उनकी रक्षा करने वाली हैं। उनके सच्चे सुमिरण से भक्त भवसागर पार कर जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करते हैं। शेरावाली की जयकार । Sherawali Ki Jaikaar । Pramod Tripathi । Matarani Bhajan । HD Video

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