राम गायत्री मन्त्र हिंदी मीनिंग फायदे
राम गायत्री मंत्र :
ॐ दशारथाय विद्महे
सीतावल्लभाय धीमहि
तन्नो राम: प्रचोदयात्

राम गायत्री मन्त्र भगवान श्री राम चंद्र विष्णु के सातवें अवतार हैं। रामायण भगवान श्री रामचंद्र जी के इस पृथ्वी पर मानव रूप में अवतार और उनके द्वारा स्थापित आदर्शों और बुराई के अंत के विषय में है। श्री राम चंद्र जी को सभी के द्वारा पूजा जाता है और विशेष रूप से वैष्णव संप्रदायों में उनको विशेष स्थान प्राप्त है। भगवान श्री राम के गायत्री मंत्र का विशेष महत्व है। विवाहितों के लिए यह मन्त्र बहुत उपयोगी है जो वैवाहिक जीवन में आने वाले संकटों से उनकी रक्षा करता है। भगवान राम ने बुराई का अंत करके अच्छाई को पुनः स्थापित किया और वे प्रत्येक व्यक्ति के लिए सामाजिक जीवन में मर्यादा और सामाजिक मूल्यों को स्थापित करने की शिक्षा भी हैं।
राम गायत्री मंत्र हिंदी मीनिंग
ॐ दशारथाय विद्महे
( ॐ, दशरथ के पुत्र का ध्यान करें )
सीतावल्लभाय धीमहि
(माता सीता की सहमति, आज्ञा से मुझे उच्च बुद्धि और शक्ति दें)
तन्नो राम: प्रचोदयात्
(भगवान् श्री राम मेरे मस्तिस्क को बुद्धि और तेज़ से प्रकाशित करें, बुद्धि और तेज प्रदान करें ) Om, let me meditate on the son of Dasharatha (Who has ten chariots), Oh, consort of Sita, give me higher intellect, and let Lord Rama illuminate my mind.
राम गायत्री मन्त्र के लाभ
विभिन्न देवताओं के गायत्री मन्त्र हैं जिनमे से "राम गायत्री मन्त्र " को श्रेष्ठ माना जाता है। राम गायत्री मन्त्र के नियमित जाप से वैवाहिक जीवन में आने वाली बढ़ाएं दूर होती हैं और इसके अतिरिक्त जीवन के किसी भी क्षेत्र में आने वाली बाधाएं और मुश्किलों को दूर करता है। वैवाहिक जीवन में यदि प्रेम नहीं है, तर्क वितर्क हैं, बात बात पर झगड़े और मनमुटाव हैं तो यह मन्त्र इन मुश्किलों को दूर करता है और आपस में प्रेम भाव उत्पन्न करता है। यदि विवाहित जोड़े के संतान नहीं है तो वे इस मन्त्र का जाप करें लाभ होगा और साथ ही यदि कोई संतान को गोद लेना चाहता है तो भी यह मन्त्र उपयोगी हैं।
इस मंत्र को आरंभ करने के लिए सबसे अच्छा दिन पुण्रवसु नक्षत्र दिन या चित्रा पक्षा नवमी तिथि है। श्री राम गायत्री मन्त्र का 9, 11, 108 या 1008 बार जाप या पाठ करना उपयोगी होता है। इस मन्त्र के लिए तुलसी की जाप माला श्रेष्ठ मानी जाती है।
राम गायत्री मन्त्र का पाठ कैसे करें
गायत्री राम मन्त्र के जाप के लिए प्रातः काल का समय सबसे श्रेष्ठ होता है। प्रातः काल जल्दी उठकर शुद्ध होने के उपरान्त पूर्व दिशा की और मुंह करके बैठे और प्रभु श्री राम का ध्यान करें और इस मन्त्र का जाप शुरू करें। मन्त्र के जाप के दौरान एकाग्रचित्त रहें। आप इस मन्त्र का जाप कम से कम 9 बार अवश्य करें और बाद में आप इसे ११ और १०८ तक करें शीघ्र लाभ होगा।
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