ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
हिंदी मीनिंग ऑफ़ गायत्री लक्ष्मी मंत्र : मैं सबसे बड़ी देवी (लक्ष्मी माता) का ध्यान करता हूँ जो विष्णु जी की पत्नी हैं, और वे मुझे धन और संपदा प्रदान करें ।
Meaning : Let me meditate on the greatest Goddess, Who is the wife of Lord Vishnu, Give me higher intellect, And let Goddess give me abundance and prosperity.
Meaning : Let me meditate on the greatest Goddess, Who is the wife of Lord Vishnu, Give me higher intellect, And let Goddess give me abundance and prosperity.
वैदिक देवताओं में लक्ष्मी का स्थान सबसे सर्वोच्च है जो की धन और वैभव प्रदान करने वाली देवी हैं। भगवत पुराण के मुताबिक लक्ष्मी जी की उत्पत्ति दूध सागर से हुई है। माता लक्ष्मी ही सीता के रूप में प्रकट हुई हैं। संस्कृत के शब्द लक्ष्य से अभिप्राय है उद्देश्य, जीवन में भौतिक और आध्यात्मिक सम्पन्नता का मूल उद्देश्य लक्ष्मी माता ही पूर्ण करती हैं। इस ब्रह्माण्ड के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु विष्णु जी के मूल अवतार रूपी हैं श्री लक्ष्मी जी। व्यक्ति के जीवन में समृधि और सम्पन्नता को देने वाली माता लक्ष्मी जी ही हैं। धन सम्पन्नता के अतिरिक्त लक्ष्मी माता की आशीर्वाद से व्यक्ति की जीवन में आपसी सबंधों में सुधार, सामाजिक जीवन में प्रतिष्ठा भी लक्ष्मी जी के आशीर्वाद से ही प्राप्त होती हैं। वैसे तो आप कभी भी लक्ष्मी जी के मन्त्र का जाप करें लाभ ही होगा लेकिन शुक्रवार के रोज लक्ष्मी का वर्त करके मन्त्र जाप के विशेष लाभ मिलते हैं क्योंकि शुक्र गृह व्यापार, आर्थिक मामलों में दखल देता है और व्यक्ति की उन्नति में सहायता करता है। वैभव लक्ष्मी जी के उपवास के सबंध में आप यह निश्चित करें की उक्त अवधि के दौरान आप शारीरिक और मानसिक शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी के उपवास के दौरान लक्ष्मी जी के गायत्री मंत का विशेष लाभ मिलता है।
Lakshmi Pooja Vidhi लक्ष्मी जी के मन्त्र का जाप कैसे करें : मां लक्ष्मी हिंदू धर्म के सबसे प्रतिष्ठित देवताओं में से एक हैं और दुर्गा और सरस्वती के साथ त्रिमूर्ति देवी में से एक हैं। पूरे भारत में भक्त हर दिन घर और मंदिरों में माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं, ताकि उनका सबसे शुभ आशीर्वाद मिल सके। लक्ष्मी हिंदू देवी का धन और समृद्धि है। लक्ष्मी पूजा करने से भक्तों और उनके परिवारों के लिए कई आश्चर्यजनक लाभ होते हैं।लक्ष्मी जी के मन्त्र का जाप करने के लिए शुक्रवार का दिन सर्वोत्तम रहता है। लक्ष्मी जी की पूजा में निम्न बातों का विशेष ध्यान रखें-
लक्ष्मी जी वैभव और सम्पन्नता देने वाली देवी हैं इसलिए यदि आपके जीवन में कोई अभाव और विपन्नता है तो माता लक्ष्मी जी पूजा और लक्ष्मी मन्त्र से अवश्य ही लाभ मिलेगा। आर्थिक मामलों में सफलता प्राप्त करने के लिए लक्ष्मी जी की पूजा अत्यंत ही लाभदाई होती है। इसके साथ ही यदि किसी प्रकार का गृह दोष है तो उसके लिए भी लक्ष्मी पूजन और लक्ष्मी जी के मन्त्रों का जाप किया जाना चाहिए।
लक्ष्मी पूजन विधि Lakshmi Pujan Vidhi : वैसे तो आप लक्ष्मी जी की पूजा हर शुक्रवार को कर सकते हैं लेकिन यदि आप धनतेरस और दीपावली पर लक्ष्मी जी की पूजा पूर्ण विधि विधान से करते हैं तो यह आपके लिए अत्यंत ही लाभकारी होता है। लक्ष्मी जी की पूजा के लिए निम्न सामग्री की आवश्यकता होती है।
Lakshmi Pooja Vidhi लक्ष्मी जी के मन्त्र का जाप कैसे करें : मां लक्ष्मी हिंदू धर्म के सबसे प्रतिष्ठित देवताओं में से एक हैं और दुर्गा और सरस्वती के साथ त्रिमूर्ति देवी में से एक हैं। पूरे भारत में भक्त हर दिन घर और मंदिरों में माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं, ताकि उनका सबसे शुभ आशीर्वाद मिल सके। लक्ष्मी हिंदू देवी का धन और समृद्धि है। लक्ष्मी पूजा करने से भक्तों और उनके परिवारों के लिए कई आश्चर्यजनक लाभ होते हैं।लक्ष्मी जी के मन्त्र का जाप करने के लिए शुक्रवार का दिन सर्वोत्तम रहता है। लक्ष्मी जी की पूजा में निम्न बातों का विशेष ध्यान रखें-
- लक्ष्मी जी की पूजा और लक्ष्मी गायत्री मंत के लिए शुक्रवार के रोज पूरे दिन उपवास रखें।
- लोगों से अनर्गल और व्यर्थ की बातें नहीं करें।
- लक्ष्मी की पूजा और आरती करें और इसके उपरांत ही गायत्री लक्ष्मी मन्त्र का जाप करें।
- मन्त्र पाठ के उपरान्त ब्राह्मण और जरुरत मंदों को दान पुन्य करना।
लक्ष्मी जी वैभव और सम्पन्नता देने वाली देवी हैं इसलिए यदि आपके जीवन में कोई अभाव और विपन्नता है तो माता लक्ष्मी जी पूजा और लक्ष्मी मन्त्र से अवश्य ही लाभ मिलेगा। आर्थिक मामलों में सफलता प्राप्त करने के लिए लक्ष्मी जी की पूजा अत्यंत ही लाभदाई होती है। इसके साथ ही यदि किसी प्रकार का गृह दोष है तो उसके लिए भी लक्ष्मी पूजन और लक्ष्मी जी के मन्त्रों का जाप किया जाना चाहिए।
लक्ष्मी पूजन विधि Lakshmi Pujan Vidhi : वैसे तो आप लक्ष्मी जी की पूजा हर शुक्रवार को कर सकते हैं लेकिन यदि आप धनतेरस और दीपावली पर लक्ष्मी जी की पूजा पूर्ण विधि विधान से करते हैं तो यह आपके लिए अत्यंत ही लाभकारी होता है। लक्ष्मी जी की पूजा के लिए निम्न सामग्री की आवश्यकता होती है।
- धनतेरस या दीवाली जैसे विशेष अवसरों पर, यदि वैदिक अनुष्ठानों के अनुसार देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है, तो यह फायदेमंद है। दीवाली या धनतेरस पर लक्ष्मी पूजा करने के लिए पूजा की वस्तुओं की आवश्यकता होती है। थाली (एक प्लेट), सुपारी (टेन बेटल नट्स), पाँच आम के पत्ते, एक नारियल, कुछ चावल, एक छोटे बर्तन में पानी, कुमकुम (लाल सिंदूर), घी और तेल के दीपक, कपूर, अगरबत्ती (अगरबत्ती), सूखे मेवे (बादाम, काजू)
- चाँदी और सोने के सिक्के, गुलाब या अन्य फूलों की पंखुड़ियाँ, पंचामृत, पूजा का सामान डालने के लिए लाल कपड़ा, गुलाब जल, मिठाइयाँ, लक्ष्मी, गणेश और सरस्वती की मूर्तियाँ या फोटो।
- नए लाल कपड़े को एक चौकी पर रखें।
- लाल कपडे पर चावल को फैलाएं।
- सोने, चांदी या तांबे से बना कलश रखें और उसमें तीन-चौथाई पानी भर दें। इसमें एक या दो सुपारी, एक गेंदा का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें।
- कलश में पांच आम के पत्ते कलश के चारों ओर एक गोलाकार डिजाइन में रखें।
- कलश पर चावल के दानों से भरा एक छोटा सा पकवान रखें।
- इसके बाद कलश के ऊपर देवी लक्ष्मी की मूर्ति और उसके चारों ओर सिक्के रखें।
- इसके बाद दाहिने हाथ की तरफ भगवान गणेश की एक मूर्ति दक्षिण-पश्चिम की ओर और दूसरी तरफ देवी सरस्वती की मूर्ति रखें।
- ऊपर बताई गई चीजों को स्थापित करने के बाद, अपनी मूलयवान वस्तुओं को रखें, जैसे खाताबही आदि।
- ऐसा करने के बाद, घी का दीपक (दीया) जलाएं और इसे थाली में हल्दी (हल्दी) पाउडर, कुमकुम और चावल के दानों के साथ रखें।
- कलश में तिलक लगाकर अनुष्ठान आरंभ करें। पानी के कलश को भी फूल भेंट करें।
- अपने हाथों में फूल और चावल लें और लक्ष्मी की आरती के उपरांत मन्त्रों का जाप शुरू करें।
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