तेरी आशिक़ी में जोगी बन कर दर दर के ठोकर लिरिक्स

तेरी आशिक़ी में जोगी बन कर दर दर के ठोकर लिरिक्स Teri Ashiqi Me Jogi Ban Dar Lyrics

 
तेरी आशिक़ी में जोगी बन कर दर दर के ठोकर लिरिक्स Teri Ashiqi Me Jogi Ban Dar Lyrics

जोगिया, जोगिया, जोगिया,
तेरी आशिक़ी में जोगी बन कर, दर दर के ठोकर खाता हूँ,
बस एक नजर देख मुझे तुझे कब से श्याम बुलाता हूँ,
अब आजा साँवरे, अब आजा साँवरे,

दुनियाँ हँसे मेरी हालत पर, दुनियाँ की परवाह कुछ भी नहीं,
थी इस की खबर मुझको सारी पागल कर देती है आशिक़ी,
तेरे इश्क़ में पाग़ल हो कर मैं, सारी दुनियाँ को हँसाता हूँ,
बस एक नज़र देख मुझे तुझे कब से श्याम बुलाता हूँ,
अब आजा साँवरे, अब आजा साँवरे,
इश्क़ का रोग लगा मुझको, तू इस की दवा दे आकर,
कहीं और नहीं इसकी दवा दुनियाँ में देख लिया जा कर,
इक तेरे पास है इस की दवा, कब से तुझको समझाता हूँ,
बस एक नजर देख मुझे तुझे कब से श्याम बुलाता हूँ,
अब आजा साँवरे, अब आजा साँवरे,

इश्क़ का पागल बन बाबा तेरे दर तक खींच के ले आया,
दीदार तेरा बस हो जाए इतना ही बस पागल ने चाहा,
"शर्मा" (अनिल शर्मा-लेखक) तेरे इश्क़ में नाचता है मैं पागल पन में गाता हूँ,
बस एक नजर देख मुझे तुझे कब से श्याम बुलाता हूँ,
अब आजा सँवारे अब आजा सँवारे,


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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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