मावस ने म्हारा श्याम धणी मल मल कर नहावे रे भजन

मावस ने म्हारा श्याम धणी मल मल कर नहावे रे भजन


दूध दही घी ले जल झारी रे
मावस ने म्हारा श्याम धणी
मल मल कर नहावे रे
मल मल कर नहावे रे
श्याम अभिषेक करावे रे
दूध दही घी ले जल झारी रे
मावस ने म्हारा श्याम धणी
मल मल कर नहावे रे।

नहाय धोय पीतांबर पहने
फिर श्रृंगार करावे
केसर चंदन घिस घिस बाबो
लंबो तिलक लगावे रे
नैणा कजरा खूब घुलावे रे
मावस ने म्हारा श्याम धणी
मल मल कर नहावे रे।

जी जल से नहावे बाबो
वो जल अमृत बन जावे
श्याम प्रेमी वी जल ने पीकर
जम से भी लड़ जावे
वा पे श्याम कृपा हो जावे है
मावस ने म्हारा श्याम धणी
मल मल कर नहावे रे।

मावस का जो दर्शन कर ले
अँधियारो मिट जावे
करम करेड़ा दोष मिटे सब
उजियारो छा जावे
सरिता घर में खुशियां आवे है
मावस ने म्हारा श्याम धणी
मल मल कर नहावे रे।

दूध दही घी ले जल झारी रे
मावस ने म्हारा श्याम धणी
मल मल कर नहावे रे
मल मल कर नहावे रे
श्याम अभिषेक करावे रे
दूध दही घी ले जल झारी रे
मावस ने म्हारा श्याम धणी
मल मल कर नहावे रे।


मावस ने म्हारा श्याम धणी मल मल कर नहावे रे | Maawas ( मावस) | Shyam Bhajan 2021 | Vivek Sharma Jitu

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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