उबारो किशोरी सभालो भजन

उबारो किशोरी सभालो किशोरी भजन

 
उबारो किशोरी सभालो किशोरी लिरिक्स Ubaro Kishori Sambhalo Kishori Lyrics

उबारो किशोरी, सभालो किशोरी,
जगत झंझटों से, निकालों किशोरी,
उबारो किशोरी, सम्भालों किशोरी,
जगत झंझटों से, निकालों किशोरी,
देखो मन मुखी, मन चली आ गई हूँ,
तेरे गुल से बिछड़ी काली आ गई हूँ,
मैं बरसाने की गली आ गई हूँ,
राधे वृषभानु लली आ गई हूँ,

संभालो किशोरी उबारो किशोरी,
हूँ भटकी युगों से निहारो किशोरी,
देखो मनमुखी मनचली आ गई हूँ,
मैं बरसाने की गली आ गई हूँ,
राधे वृषभानु लली आ गई हूँ,

बरसाना आकर लगे दिल को ऐसा,
सदियों पुराना ताल्लुक हो जैसा,
तेरे गुल से बिछड़ी कली आगयी हूँ,
मैं बरसाने की गली आ गई हूँ,
राधे वृषभानु लली आ गई हूँ,

मेरी राजनन्दनी राधे दुलारी,
स्वीकारो लाड़ली मैं दासी तुम्हारी,
बनने तुम्हारी अली आ गयी हूँ,
मैं बरसाने की गली आ गई हूँ,
राधे वृषभानु लली आ गई हूँ,

पूनम के चन्दा में चांदनी तुम्ही हो,
गोपाली पागल की स्वामिनी तुम्ही हो,
मेरी मैं की देने बली आ गयी हूँ,
मैं बरसाने की गली आ गई हूँ,
राधे वृषभानु लली आ गई हूँ,


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