उबारो किशोरी सभालो किशोरी भजन
उबारो किशोरी, सभालो किशोरी,
जगत झंझटों से, निकालों किशोरी,
उबारो किशोरी, सम्भालों किशोरी,
जगत झंझटों से, निकालों किशोरी,
देखो मन मुखी, मन चली आ गई हूँ,
तेरे गुल से बिछड़ी काली आ गई हूँ,
मैं बरसाने की गली आ गई हूँ,
राधे वृषभानु लली आ गई हूँ,
संभालो किशोरी उबारो किशोरी,
हूँ भटकी युगों से निहारो किशोरी,
देखो मनमुखी मनचली आ गई हूँ,
मैं बरसाने की गली आ गई हूँ,
राधे वृषभानु लली आ गई हूँ,
बरसाना आकर लगे दिल को ऐसा,
सदियों पुराना ताल्लुक हो जैसा,
तेरे गुल से बिछड़ी कली आगयी हूँ,
मैं बरसाने की गली आ गई हूँ,
राधे वृषभानु लली आ गई हूँ,
मेरी राजनन्दनी राधे दुलारी,
स्वीकारो लाड़ली मैं दासी तुम्हारी,
बनने तुम्हारी अली आ गयी हूँ,
मैं बरसाने की गली आ गई हूँ,
राधे वृषभानु लली आ गई हूँ,
पूनम के चन्दा में चांदनी तुम्ही हो,
गोपाली पागल की स्वामिनी तुम्ही हो,
मेरी मैं की देने बली आ गयी हूँ,
मैं बरसाने की गली आ गई हूँ,
राधे वृषभानु लली आ गई हूँ,
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