यशोदा माँ का लाडला हाथों से निकल गयो जी लिरिक्स Yasoda Maiya Ka Ladala Hatho Se Nikal Gayo Ji Lyrics

यशोदा माँ का लाडला हाथों से निकल गयो जी लिरिक्स Yasoda Maiya Ka Ladala Hatho Se Nikal Gayo Ji Lyrics

 
यशोदा माँ का लाडला हाथों से निकल गयो जी लिरिक्स Yasoda Maiya Ka Ladala Hatho Se Nikal Gayo Ji Lyrics

यशोदा माँ का, लाडला, हाथों से निकल गयो जी,
माखन से लथ पथ हाथ से, पकड़ा तो फिसल गयो जी,
यशोदा माँ का, लाडला, हाथों से निकल गयो जी,

देखन को तरसे, गोकुल की सारी गुजरिया,
यशोदा सोचे, लल्ला को लागे ना नजरियाँ,
लुका छुपी के खेल में, आँखों से ओझल भयो जी,
यशोदा माँ का लाड़ला, हाथों से निकल गयो जी,

माखन चुराएं तो भी शिकायत करती,
नहीं चुराएं तो भी शिकायत करती,
पड़े ना उनको चैन, गर माखन खाने से टल गयो जी,
यशोदा माँ का लाड़ला, हाथों से निकल गयो जी,

मैयां डाँटे तो, उठत बैठक लगायो,
कहे कान पकड़ के, मैं नहीं माखन खायो,
मैं नहीं मखान खायो, यह कहकर मैया से लिपट गयो जी ,
यशोदा माँ का लाड़ला, हाथों से निकल गयो जी,

माखन खिलाये तो, गाये का दूध बढ़ जाएँ,
माखन छिपाये तो, गाये भी नख़रे दिखाएँ,
माखन खिलाने वालों का, घर वोभी खुशियों से भर गयो जी,
यशोदा माँ का लाड़ला, हाथों से निकल गयो जी,
यशोदा माँ का, लाडला, हाथों से निकल गयो जी,


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