गुरुवर दया के सागर, तेरा दर जगत से न्यारा।। दुनिया का दर भंवर है, तेरा दर ही है किनारा।। गुरुवर दया के सागर, तेरा दर जगत से न्यारा।।
तेरी दृष्टि है निराली, दुविधा को हरने वाली।। अंधों की आँख में भी, नवज्योति भरने वाली।। अज्ञान के तिमिर से, हर भक्त को उबारा।। गुरुवर दया के सागर, तेरा दर जगत से न्यारा।।
Satguru Bhajan Lyrics in Hindi
तेरे दर पर सब बराबर, कोई बड़ा न छोटा।। चोखा बनाया सबको, आया भले ही खोटा।। जो भी शरण में पहुँचा, सबको मिला सहारा।।
गुरुवर दया के सागर, तेरा दर जगत से न्यारा।।
दुनिया का रस लुभाता, मझधार में डुबाता।। तेरा रस पुनीत पावन, है इष्ट मिलाता।। भक्तों को इसी रस ने, भव सिंधु से उबारा।। गुरुवर दया के सागर, तेरा दर जगत से न्यारा।।
GURUVAR DAYA KE SAGAR...by AWGP PRAGYA GEET (sangeet toly)