कान्हा मुरली मधुर बजाएं सखियाँ दौड़ी दौड़ी आये भजन
कान्हा मुरली मधुर बजाएं, सखियाँ दौड़ी दौड़ी आये,
सब ने मुरली वाळो, श्याम हिय रो हार लागे,
म्हाने गोकुल रो गोपाल, प्यारो प्यारो लागे,
कान्हा मुरली मधुर बजाएं, सखियाँ दौड़ी दौड़ी आए,
बन्सी की धुन सुन कर राधा दौड़ी दौड़ी आये रे,
गोप गोपियाँ जमुना तट पर मिल कर रास रचाये रे,
गाए कोयल नाचे मोर झांजर बंसी का है छोर,
म्हाने सात सुरो में डुबो सब संसार लागे,
महाने गोकुल रो गोपाल प्यारो प्यारो लागे,
मोर मुकट सर साजे कान्हा नो लखा हार गले सोहे,
लट घुंघरालो तिलक भाल पर सबरो ही मनड़ो मोहे,
देख के रूप कृष्ण को आज सखियाँ भूल गई सब काज,
सब ने कृष्ण कन्हियाँ सुख रो साज लागे,
महाने गोकुल रो गोपाल प्यारो प्यारो लागे,
शामल शामल कृष्ण कन्हियाँ राधा गोरी-गोरी है,
गोकुल को है ग्वाल बाल, और बरसाणे की छोरी है,
वृन्दावन में देखो आज, झूला झूले राधेश्याम,
ऐसा रूप देखणे देवां री कतार लागे,
म्हाने गोकुल रो गोपाल प्यारो प्यारो लागे,
कहे राधिका कृष्ण है काला मैं तो हूँ गोरी गोरी,
कृष्ण कहे तोरी नजर है काली, नजर लगी मोहे तोरी,
मन से मन तोले तो फिर फरक लगे न कोई,
सब ने कृष्ण राधिका इक ही स्वरुप लागे,
म्हाने गोकुल रो गोपाल प्यारो प्यारो लागे,
कान्हा मुरली मधुर बजाएं, सखियाँ दौड़ी दौड़ी आये,
सब ने मुरली वाळो, श्याम हिय रो हार लागे,
म्हाने गोकुल रो गोपाल, प्यारो प्यारो लागे,
कान्हा मुरली मधुर बजाएं, सखियाँ दौड़ी दौड़ी आए,
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