मन माखन मेरो चुराय गयो री भजन
माखन चोर, माखन चोर,
मन माखन मेरो चुराय गयो री,
प्यारों प्यारों मोहन, मीठों मीठों मोहन,
मन माखन मेरो चुराय गयो री, प्यारो प्यारो मोहन,
नैनों से बात करे और मुख से कुछ बोले बोले,
जब जब बोले मीठा मीठा बोले कान में अमृत घोले,
ये तो सौ सौ तीर चलाये गया रे,प्यारो प्यारो मोहन,
मन माखन मेरो चुराय गयो री, प्यारो प्यारो मोहन,
बहुत रंगीलो बहुत छबीलों बहुत अनुरागी है मोहन,
चन चन चपल यो रमणी रमणा, गोपी वल्लभ मोहन,
यो तो भक्ता को चित्त चुराय गयो री, प्यारो प्यारो मोहन,
मन माखन मेरो चुराय गयो री, प्यारो प्यारो मोहन,
सुन्दर श्याम कमल गल लोचन दुःख मोचन है यो ब्रिज राज,
यहां पे आके ऐसे बिराजे जैसे इनको ही है राज,
यो तो नैना से दिल में समाय गयो री ,प्यारो प्यारो मोहन,
मन माख़न मेरो चुराए गया री प्यारो प्यारो मोहन,
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Bhajan : Man Makhan Mero Churai Gayo Ri
Singer : Anupriya Chatarjee
Label : Sanskar Bhajan
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Author - Saroj Jangir
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