साथी हमारा कौन बनेगा, तुम ना सुनोंगे, कौन सुनेगा, तुम ना सुनोगे, कौन सुनेगा।
आ गया दर पे तेरे, सुनाई हो जाए, जिन्दगी से दुखों की, विदाई हो जाए, एक नजर कृपा की डालो, मानूँगा अहसान, मानूँगा अहसान, संकट हमारा, कैसे टलेगा, तुम ना सुनोंगे, कौन सुनेगा, तुम ना सुनोगे, कौन सुनेगा।
सुना हमने सभी से, खिवैयां एक ही है, घूम ली सारी दुनियां, कन्हैयां एक ही है, अबकी अबकी, पार लगाओ, मानूँगा अहसान, मानूँगा अहसान, हमको किनारा कैसे मिलेगा, तुम ना सुनोंगे, कौन सुनेगा, तुम ना सुनोगे, कौन सुनेगा।
पानी है सर के ऊपर, मुसीबत अड़ गई है, आज हमको तुम्हारी, ज़रूरत पड़ गई है, अपने हाथ से हाथ पकड़ लो, मानूँगा अहसान, मानूँगा अहसान, साथ हमारे कौन चलेगा, तुम ना सुनोंगे, कौन सुनेगा, तुम ना सुनोगे, कौन सुनेगा।
तुम्हारे दर पे शायद, हमेशा धरमी आते, आज पापी आया है, श्याम काहे घबराते, हमने सुना है तेरी नज़र में, सब हे एक समान, इसका पता तो आज चलेगा, तुम ना सुनोंगे, कौन सुनेगा, तुम ना सुनोगे, कौन सुनेगा।
वो तेरे भक्त होंगे, जिन्हें तुमने है तारा, बता ऐ मुरली वाले,
Krishna Bhajan Lyrics Hindi
कौन सा तीर मारा, भक्त तुम्हारे भक्ति करते, लेते रहते नाम, काम तो उनका करना पड़ेगा, तुम ना सुनोंगे, कौन सुनेगा, तुम ना सुनोगे, कौन सुनेगा।
वो रिश्तेदार होंगे, करते रहते बड़ाई, तेरे हम कुछ ना लगते, हमने की क्या बुराई, अपनों का सब साथ निभाए, रखते उनका ध्यान, जो है पराया, किससे कहेगा, तुम ना सुनोंगे, कौन सुनेगा, तुम ना सुनोगे, कौन सुनेगा।
गिरते को क्या गिराना, श्याम इतना बताओं, मजा तो तब आएगा, उसे आकर उठाओं, अब तो बिगड़ी बात बनाओं, इसमें तुम्हारी शान, बिगड़े हुए का क्या बिगड़ेगा, तुम ना सुनोंगे, कौन सुनेगा,
तुम ना सुनोगे, कौन सुनेगा।
ग़ुनाह कर करके हारा, श्याम तुमको पुकारा, जहान में जो है अकेला, उसे तेरा सहारा, दीन दुखी का साथ निभा दो, दे दो दया का दान, मेरा भी बेड़ा पार लगेगा, तुम ना सुनोंगे, कौन सुनेगा, तुम ना सुनोगे, कौन सुनेगा।
नाम जितना सुना है, उतने दातार हो क्या, दयालू हो कितने तुम, फ़ैसला आज होगा, अब तक केवल सुनते आए, अब देखेंगे श्याम, भरम हमारा आज मिटेगा, तुम ना सुनोंगे, कौन सुनेगा, तुम ना सुनोगे, कौन सुनेगा।
देखकर मुझको दर पे, श्याम शरमा गए क्या, मिली जो मुझसे नज़रें, पसीने आ गए क्या, ये है परीक्षा तेरी मोहन, सुन ले देकर ध्यान, जो कुछ घटेगा तेरा घटेगा, तुम ना सुनोंगे, कौन सुनेगा, तुम ना सुनोगे, कौन सुनेगा।
पाप की गठरी सर पे, लाद कर मैं हूँ लाया, बोझ कुछ हल्का कर दे, उठाने ना पाया, धर्म की राह बता बनवारी, हो जाए कल्याण, इसमें तुम्हारा कुछ ना घटेगा, तुम ना सुनोंगे, कौन सुनेगा, तुम ना सुनोगे, कौन सुनेगा।
साथी हमारा कौन बनेगा, तुम ना सुनोंगे, कौन सुनेगा, तुम ना सुनोगे, कौन सुनेगा।