बंसी वाले झलक दिखला जा भजन
बंसी वाले झलक दिखला जा,
प्यासे नैनों की प्यास बुझा जा,
उजड़ी सी झोंपड़ी में बुलाती हूँ तुझे श्याम,
वीरानों में मेहमान बनाती हूँ तुझे श्याम,
अगर तुझको ग़रीबों की ग़रीबी से प्यार है,
तो मुझ ग़रीब को भी तेरा इंतज़ार है,
दिल के दर्द को आकर मिटाजा,
प्यासे नैनों की प्यास बुझा जा,
बंसी वाले झलक दिखला जा,
प्यासे नैनों की प्यास बुझा जा,
वंदन के लिये वैध का साधन भी नहीं हैं,
पूजन के लिए धूप और चन्दन भी नहीं हैं,
अर्पण करो तो क्या करू दिल फुल भी नहीं,
भोजन धरूँ तो क्या धरू कंद मूल भी नहीं,
सुखी भाजी का भोग लगा जा,
प्यासे नैनों की प्यास बुझा जा,
बंसी वाले झलक दिखला जा,
प्यासे नैनों की प्यास बुझा जा,
पूजा भी करूँ की तो मैं इष्ट करुँगी,
धन हीनता की धुप सुलगा के धरूंगी,
दुःख दोष के दुर्भाग्य का दूँगी मैं दीप दान,
मैं वेद निर्बलो की दशा पीड़ितों का पान,
ऐसे पूजन का मान बढ़ा जा,
प्यासे नैनों की प्यास बुझा जा,
बंसी वाले झलक दिखला जा,
प्यासे नैनों की प्यास बुझा जा,
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Bhajan : Bansi Wale Jhalak Dikhla Ja
Singer : Alka Goyal
Label : Sanskar Bhajan
You may also like...