रामायण भजन ओ मईया तैने का ठानी मन में
ओ मईया तैने का ठानी मन में,
राम सिया भेज दये री बन में
दीवानी तैने का ठानी मन में,
राम-सिया भेज दये री बन में,
जदपि भरत तेरो ही जायो,
तेरी करनी देख लजायो,
अपनों पद तैने आप गँवायो,
भरत की नजरन में,
राम-सिया भेज दये री बन में ,
हठीली तैने का ठानी मन में,
राम सिया भेज दये री बन में,
मेहल छोड़ वहाँ नहीं रे मड़ैया,
सिया सुकुमारी,संग दोउ भईया,
काहू वृक्ष तर भीजत होंगे,
तीनों मेहन में,
राम-सिया भेज दये री वन में ,
दीवानी तैने का ठानी मन में,
राम सिया भेज दये री बन में,
कौशल्या की छिन गयी बानी,
रोय ना सकी उर्मिल दीवानी,
कैकेयी तू बस एक ही रानी
रह गयी महलन में,
राम सिय भेज दये री बन में,
ओ मईया तैने का ठानी मन में,
राम सिया भेज दये री बन में
दीवानी तैने का ठानी मन में,
राम सिया भेज दये री बन में,
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें।
|