
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
श्री रामायण जी की आरती का महत्त्व
श्री रामायण जी की आरती भगवान श्रीराम के जीवन, उनके आदर्शों और उनके भक्तों की भक्ति का गान करती है। यह आरती महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के महत्व को रेखांकित करती है, जिसमें भगवान राम के चरित्र, उनके कार्यों और उनके भक्तों की भक्ति का वर्णन है। आरती के माध्यम से भक्त भगवान राम की महिमा का स्मरण करते हैं, जिससे उनके जीवन के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा मिलती है। यह आरती न केवल भगवान राम की महिमा का बखान करती है, बल्कि उनके जीवन के प्रत्येक पहलू को उजागर करती है, जिससे भक्तों को उनके जीवन के आदर्शों का पालन करने की प्रेरणा मिलती है।श्री रामायण जी की आरती के लाभ
श्री रामायण जी की आरती का नियमित पाठ घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और धार्मिक वातावरण को प्रोत्साहित करता है। यह आरती पारिवारिक सदस्यों के बीच प्रेम और स्नेह को बढ़ावा देती है, जिससे पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं। साथ ही, यह मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करती है, जिससे जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। आरती के माध्यम से भक्त अपने जीवन में भगवान राम के आदर्शों को अपनाते हैं, जिससे उनके जीवन में समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है। यह आरती न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है, बल्कि भौतिक सुखों की प्राप्ति में भी सहायक है।
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Author - Saroj Jangir
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