बैठे लाल फूलन की चौखंडी
baithe lal phoolan ki chaukhandi .
chanpak bakul gulab nivaro rayaveli shri khandi
jaee juee kevaro kuanjo kanak kaner surangi .
chaturbhuj prabhu giridhar ju ki banik din din nav navarangi
बैठे लाल फूलन की चौखंडी
चंपक बकुल गुलाब निवारो रायवेलि श्री खंडी
जाई जुई केवरो कुंजो कनक कणेर सुरंगी ।
चतुर्भुज प्रभु गिरिधर जु की बानिक दिन दिन नव नवरंगी
मैया मोहि माखन मिसरी भावे ।
मीठो दधि मिठाई मधुघृत, अपने कर सों क्यों न खवावे ॥१॥
कनक दोहनी दे कर मेरे, गो दोहन क्यों न सिखावे ।
ओट्यो दूध धेनु धोरी को, भर के कटोरा क्यों न पिवावे ॥२॥
अजहु ब्याह करत नही मेरो, तोहे नींद क्यों आवे ।
‘चतुर्भुज’ प्रभु गिरिधर की बतियाँ, सुन ले उछंग पय पान करावें ॥३॥
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स्वर : तन्मय काटकोरिया पखावज : भुवनेश बापोदरा
जांज : केतनभाई काटकोरिया
प्रेरणा एवं मार्गदर्शक : प.भ. श्री भुपेन्द्रभाई धाबलिया
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