हद में तो दाता खेल रचायो भजन

हद में तो दाता खेल रचायो भजन

 
हद में तो दाता खेल रचायो लिरिक्स Had Me To Data Khel Rachayo Lyrics

राम नाम रटते रहो, जब लग घाट में प्राण,
कबहूँ तो दीन दयाल के, भनक पड़ेगी कान,
हद में तो दाता खेल रचायो,
एजी बेहद माँहिने तो आप फिरे,
अधर धार पर आसन मांड्यो,
धरा अधर बीच मौज करे,
हो जी, हे हाँ,

एजी हँसा रहवे जो हँसा में बैठे,
कागा के संग नहीं फिरे,
हंसलो रवे जो हँसा में बैठे,
कागा के संग नहीं फिरे,
नुगरा नर तो परे भटकता,
खोजी होवे सो तो खोज करे,
हो जी, हे हाँ,

अमर जड़ी तो गुरु दाता सूं पाई,
राम नैना सूं वा तो नेड़ी रे फिरे,
वणी रे बूंटी रा परहेज नी  पाया,
वणा सूं करोड़ां कोस परे,
हो जी, हे हाँ,

समरथ गुरु जी री शरणां पड्या जो,
ओगत गाता गेला  करे,
गुरु रे ज्ञान पारस नहीं पीधो,
वणा जिव्हा ने काळ चरे,
हो जी, हे हाँ,

गरबीला नर गुलचा ही खावे,
एजी समझा जावे जो समंद तिरे,
जीवतड़ा तो जले मसाणा,
मुर्दा व्हे जो मगन फिरे,
हो जी, हे हाँ,

रण माँ चो सुरता गाथे,
कायर हुवे जो देख डरे,
कहे धरव दयाल के शरणे,
करोड़ जनम रा पाप झड़े,
हद में तो दाता खेल रचायो,
एजी बेहद माँहिने तो आप फिरे,
अधर धार पर आसन मांड्यो,
धरा अधर बीच मौज करे,
हो जी, हे हाँ,



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