ना हीरे और मोतियों के हार से श्याम रीझता है भजन
श्याम को रिझाना है तो भाव से रिझा
श्याम दरबार में तू भाव ना दिखा
राजे रजवाड़े देखते ही रह गए
प्रेमियों के हाथ बिन भाव ये बिका
ना हीरे और मोतियों के हार से
ना चार छल्ले वाली ऑडी कार से
सांवरा सलोना मेरा रीझता
भोले भाले भक्तों के प्यार से
मीरा ने तो भजन सुनाये थे
नहीं भोग छप्पन जिमाये थे
सुदामा ने भी तंदुल खिलाये थे
सोये भाग अपने जगाये थे
बिन मांगे लोक दो दिए
निभाई यारी खूब अपने यार से
सांवरा सलोना मेरा रीझता
भोले भाले भक्तों के प्यार से
मेवा दुर्योधन का त्याग के
लिए चटकारे थे साग के
प्रीत वाली करूँ पुकार पे
बैल हाँके धन्ना जाट के
खीचड़ ये कर्मा का खा गया
झीने झीने परदे की आड़ से
सांवरा सलोना मेरा रीझता
भोले भाले भक्तों के प्यार से
दिखावा ही दिखावा हुआ चहुँ और
सहकारी बांच रहे देखो चोर
सोलह आने बात सच है ललित
हो सके तो करले थोड़ा गौर
छलिया है श्याम सा ना दूसरा
तू छल नहीं करना ओ बावरे
सांवरा सलोना मेरा रीझता
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Song: Shyam Darbar Mein Tu Bhaav Na Dikha
Singer & Writer: Lalit Suri -9935028172Music: Bijender Chauhan
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