जबसे मैया जी तेरा द्वार मिला भजन

जबसे मैया जी तेरा द्वार मिला भजन

(मुखड़ा)
जबसे मैया जी तेरा द्वार मिला,
खिला-खिला, खिला मेरा मन खिला,
चरणों का तेरे मैंने अमृत पिया,
जबसे मैया जी तेरा द्वार मिला,
खिला-खिला, खिला मेरा मन खिला।।

(अंतरा)
सबको बताऊँ, मैं हर्षाऊँ,
माँ ने बदल डाली दुनिया,
गले से लगाया, मुझे दिखलाया,
मतलब की ये दुनिया,
दर पे बुला के खूब दिया,
जबसे मैया जी तेरा द्वार मिला,
खिला-खिला, खिला मेरा मन खिला।।

जब मेरी मैया पकड़े हैं बइयाँ,
आए नहीं दुख जीवन में,
जब लहराए चुनरी की छैयाँ,
रहे नहीं कोई संकट में,
सर को झुका, मैंने वंदन किया,
जबसे मैया जी तेरा द्वार मिला,
खिला-खिला, खिला मेरा मन खिला।।

मेरी हर साँसें नाम है तेरे,
जैसे चला ले मुझको,
मन में मेरे भाव बहुत हैं,
पढ़ना होगा तुझको,
‘स्मिता’ पे तूने जादू किया,
जबसे मैया जी तेरा द्वार मिला,
खिला-खिला, खिला मेरा मन खिला।।

(पुनरावृति)
जबसे मैया जी तेरा द्वार मिला,
खिला-खिला, खिला मेरा मन खिला,
चरणों का तेरे मैंने अमृत पिया,
जबसे मैया जी तेरा द्वार मिला,
खिला-खिला, खिला मेरा मन खिला।।
 


जब से मैया जी तेरा द्वार मिला / situ Rajasthani / sadhna shakambhari mata / shakambari mata bhajan

SHAKAMBARI MATA BHAJAN
SINGER SITU RAJASTHANI RANIGANJ
LYRIC SMITA SHARMA
MUSIC DEEPAK VISHWAKARMA RANIGANJ

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