उस बांसुरी वाले की लीले घोड़े भजन
उस बांसुरी वाले की लीले घोड़े भजन
उस बाँसुरी वाले की, लीले घोड़े वाले की,
उस बांसुरी वाले की, लीले घोड़े वाले की,
गोदी में सो जाऊँ, मेरा दिल करता है,
श्याम के भजनों में खो जाऊं,
देखी दुनियाँ दीवानी, ये मतलब की मस्तानी,
बिन मतलब रूख़ ना जोड़े, यहाँ नित नित नयी कहानीं,
किस किस को छोड़ू बाबा, किस किस को अपनाऊँ,
मेरा दिल करता है, श्याम के भजनों में खो जाऊं,
सुख दुःख पहलू ज़ीवन के, बस वहम ही है ये मन के,
कोई हस हस के सहता है, कोई सहता है तन तन के,
जीवन की पहेली उलझीं, में कैसे सुलझाऊ,
मेरा दिल करता है, श्याम के भजनों में खो जाऊं,
बंधन दुनिया के झूठें, कोई माने कोई रूठे,
"संजू" चाहे जग छूटें, ये तार कभी ना टूटे,
बस इतनी किरपा कर दे, में तेरा हो जाऊ,
मेरा दिल करता है, श्याम के भजनो में खो जाऊ,
उस बाँसुरी वाले की, लीले घोड़े वाले की,
गोदी में सो जाऊँ,
मेरा दिल करता है,
श्याम के भजनों में खो जाऊं,
उस बांसुरी वाले की, लीले घोड़े वाले की,
गोदी में सो जाऊँ, मेरा दिल करता है,
श्याम के भजनों में खो जाऊं,
देखी दुनियाँ दीवानी, ये मतलब की मस्तानी,
बिन मतलब रूख़ ना जोड़े, यहाँ नित नित नयी कहानीं,
किस किस को छोड़ू बाबा, किस किस को अपनाऊँ,
मेरा दिल करता है, श्याम के भजनों में खो जाऊं,
सुख दुःख पहलू ज़ीवन के, बस वहम ही है ये मन के,
कोई हस हस के सहता है, कोई सहता है तन तन के,
जीवन की पहेली उलझीं, में कैसे सुलझाऊ,
मेरा दिल करता है, श्याम के भजनों में खो जाऊं,
बंधन दुनिया के झूठें, कोई माने कोई रूठे,
"संजू" चाहे जग छूटें, ये तार कभी ना टूटे,
बस इतनी किरपा कर दे, में तेरा हो जाऊ,
मेरा दिल करता है, श्याम के भजनो में खो जाऊ,
उस बाँसुरी वाले की, लीले घोड़े वाले की,
गोदी में सो जाऊँ,
मेरा दिल करता है,
श्याम के भजनों में खो जाऊं,
उस बांसुरी वाले की नीले घोड़े वाले की गोदी में सो जाऊं मेरा जी करता है श्याम के भजनों में ! Ravi Raj
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Song :- Us Bansuri Wale Ki
Singer :- Ravi Raj (8286802175)
Label :- Shree Krishna Bhakti
Singer :- Ravi Raj (8286802175)
Label :- Shree Krishna Bhakti
“उस बाँसुरी वाले की, लीले घोड़े वाले की” में कवि कृष्ण और खाटू श्याम – दोनों के मधुर, करुणामय रूपों को याद कर के कहता है कि इस छलावे भरी दुनिया में किसको छोड़ूँ, किसको अपनाऊँ, इसलिए अच्छा है कि श्याम के भजनों में ही डूब जाऊँ और सब द्वंद्वों से ऊपर उठ जाऊँ। आगे वह सुख–दुःख को मन का वहम मानकर स्वीकार करता है कि कोई हँसते–हँसते बोझ उठाता है, कोई तन–मन से टूट जाता है, जीवन की पहेली सुलझ नहीं रही, इसलिए एक ही उपाय है – भगवद्भक्ति में खो जाना। अंतिम अंतरे में “बंधन दुनिया के झूठे” कहकर वह घोषित करता है कि संसार छूट जाए तो छूटे, पर श्याम से जुड़ी प्रीत–डोरी कभी न टूटे; कवि “संजू” अपनी पहचान रखते हुए बस इतनी कृपा माँगता है कि प्रभु उसे पूर्णत: अपना बना लें, ताकि उसका मन हमेशा श्याम–नाम और श्याम–भजनों में ही डूबा रहे।
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