वो वल्लभ गुरु हमारा जिनका जपते हम नाम सदा
वो वल्लभ गुरु हमारा,
जिनका जपते हम नाम सदा,
उस नाम का हमें सहारा,
वो वल्लभ गुरु हमारा,
जिसनें समाज को अर्पण कर दिया,
अपना जीवन सारा,
वो वल्लभ गुरु हमारा,
वो वल्लभ गुरु हमारा,
गुरू आत्म जी के शिष्य बनें,
और सुरीश्वर पद पाया,
खुद चमके वो भारत भर में,
जिन शासन को चमकाया,
और जैन धर्म का खूब, देश में
रौशन किया सितारा,
वो वल्लभ गुरु हमारा,
वो वल्लभ गुरु हमारा,
जिनका जीवन ऊँचा था लेकिन,
नम्र भाव रहते थे,
जिनवाणी का उपदेश सदा,
जनता के हित कहते थे,
जो दशा हमारी बिगड़ रही थी,
आकर उसे संवारा,
वो वल्लभ गुरु हमारा,
वो वल्लभ गुरु हमारा,
जिनके जीवन का ध्येय यहीं था,
मिलकर कदम बड़ाओ,
सब जैन एक हो वीर प्रभू के,
झण्डे नीचे आओ ,
जिसने पुर जोर आवाज लगा दी,
यही लगाया नारा,
वो वल्लभ गुरु हमारा,
वो वल्लभ गुरु हमारा,
हम बाल युवक और वृध सभी,
वल्लभ के गुण गाते हैं ,
और सभी समाधि मंदिर में,
जाकर दरश पाते हैं,
इस धरती पर गूंजेगा इक दिन,
सत्य का जय जय कारा, वै वल्लभ,
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जिस का हम जपते नाम सदा
उस नाम का हमें सहारा
वो वल्लभ गुरु हमारा
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Author - Saroj Jangir
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