वल्लभ जी तारणहार हुए
वल्लभ जी तारणहार हुए, कलयुग में वो अवतार हुए,
पंजाबी ना भुल्लण, पंजाबी ना भुल्लन वल्लभ नूं,
पंजाब केसरी वल्लभ नूं,
तूं जनम दूज नूं पाया सी, बड़ौदे नूं चमकाया सी,
माता इच्छयां दा, माता इच्छया दा लाल होया,
दीपचंद दा पुत्तर कमाल होया,
जब आत्म स्वर्ग नूं जाण लगे, बाहँ पंजाबियाँ दी फड़ान लगे,
तां बोले आतम, तां बोले आतम वल्लभ नूं,
पंजाब केसरी आतम नूं,
गुरु वचन निभाया वल्लभ ने,
जैन धर्म फैलाया वल्लभ ने,
कई खोले गुरुकुल,
कई खोले गुरुकुल विद्यालय,
कालेज और चिकित्सालय,
जद वल्लभ हमसें रूठ गया,
गुरुदेव का साया छूट गया,
गुरु देव याद में हम सब,
गुरु देव याद में हम सब रोते हैं,
गुरुदेव को वंदन करते हैं,
वल्लभ जी तारणहार हुए, कलयुग में वो अवतार हुए,
पंजाबी ना भुल्लण, पंजाबी ना भुल्लन वल्लभ नूं,
पंजाब केसरी वल्लभ नूं,
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वल्लभ जी तारणहार हुए , कलियुग में वो अवतार हुए
गायक अनिल जैनसंगीत चन्द्र शेखर
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