भरत भाई कपि से ऊरिन हम नाहीं लिरिक्स Bharat Bhai Kapi Se Urani Hum Nahi Lyrics

भरत भाई कपि से ऊरिन हम नाहीं लिरिक्स Bharat Bhai Kapi Se Urani Hum Nahi Lyrics

 
भरत भाई कपि से ऊरिन हम नाहीं लिरिक्स Bharat Bhai Kapi Se Urani Hum Nahi Lyrics
 
भरत भाई कपि से ऊरिन हम नाहीं,
कपि से ऊरिन हम नाहीं,
आधो खावे अछूत कहावत,
हाथ धोवत पल माहीं,
भरत भाई कपि से ऊरिन हम नाहीं,

सौयोजन हे याद सिन्धु की,
लाँघ गयो पल माहीं,
लंका जाय सिया सुधि लाये
गरव नाहीं मन माहीं,
भरत भाई कपि से ऊरिन हम नाहीं,

शक्ति बाण लग्यो लक्षमण कै,
छोरि भयो डल माहीं,
द्रोणागिरी परवत ले आयो,
भोर  होने नाहीं  पाई,
भरत भाई कपि से ऊरिन हम नाहीं,

अहिरावण की भुजा उखारि,
बैठि गयो  मठ माहीं,
या पर भरत जो हनुमत ना  होते,
तो लावत जग माहीं,
भरत भाई कपि से ऊरिन हम नाहीं,

तुलसीदास मारूति सुत महिमा,
प्रभु प्रभु अपने मुख से गाई,
भरत भाई कपि से ऊरिन हम नाहीं,


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Bharat Bhai Kapise - Pandit Jasraj (Album: Bhakti Kiran) | Music Today
 
Feel the calming quality of divine music in this rendering of Bharat Bhai Kapise by Pandit Jasraj from the Bhakti Kiran collection of devotional music. Blessed with a soulful and sonorous voice, which traverses masterfully over all four and a half octaves, Jasraj’s vocalizing is characterized by a harmonious blend of the classic and opulent elements projecting traditional music as an intense spiritual expression, at once chaste and yet densely coloured. This gives his music a unique and sublime emotional quality, reaching out to the very soul of the listener.

Track: Bharat Bhai Kapise
Album: Bhakti Kiran - Pandit Jasraj
Artist(s): Pandit Jasraj
Vocal/Instrumental: Vocal

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