भरत भाई कपि से उरिन हम नाहीं

भरत भाई कपि से उरिन हम नाहीं

 
 भरत भाई कपि से उरिन हम नाहीं Lyrics Bharat Bhai Kapi Se Urin Hum Nahi

भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं
कपि से उरिन हम नाहिं,
भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं,

सौ योजन, मर्याद समुद्र की,
ये कूदी गयो क्षण माहिँ,
लंका जारी, सिया सुधि लायो
पर गर्व नहीं मन माँहिं,
कपि से उरिन हम नाहिं,
भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं,

शक्तिबाण, लग्यो लछमण के,
हाहाकार भयो दल माहीं,
धौलागिरी, कर धर ले आयो,
भोर ना होनें पाईं,
कपि से उरिन हम नाहिं,
भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं,

अहिरावण की भुजा उखारी,
पैठी गयो मठ माहीं,
जो भैया, हनुमत नहीं होते,
मोहे को लातो जग माहीं,
कपि से उरिन हम नाहिं,
भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं,

आज्ञा भंग, कबहूँ नहीं कीन्हीं,
जहाँ पठायूँ तहाँ जाई,
तुलसीदास पवनसुत महिमा,
प्रभु निज मुख करत बड़ाई,
कपि से उरिन हम नाहिं,
भरत भाई, कपि से उरिन हम नाहीं,


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