छब गौरा और शंकर की है न्यारी लागे लिरिक्स Chhab Goura Aur Shankar Ki Hai Nyari Lyrics

छब गौरा और शंकर की है न्यारी लागे लिरिक्स Chab Goura Aur Shankar Ki Hai Nyari Lyrics

 
छब गौरा और शंकर की है न्यारी लागे लिरिक्स Chhab Goura Aur Shankar Ki Hai Nyari Lyrics

नंदी बैल की करके सवारी,
गौरा संग निकले हैं त्रिपुरारी,
जैसी है रूपमती दक्ष की दुलारी,
वैसे है रूपवान भोले भंडारी,
छब गौरा और शंकर की है न्यारी लागे,
दोनों की जोड़ी बड़ी प्यारी प्यारी,

घूँघर वाले केश शिव जी के,
जैसे काली घटा आए,
उन घटाओं से बहती है,
गंगा जी की धाराएं,
ऐसी छँटा जब महादेव भोले की,
गौरा कैसे ना जाए भला बलिहारी,
छब गौरा और शंकर की है न्यारी लागे,
दोनों की जोड़ी बड़ी प्यारी प्यारी,

तन पे मृग की छाला पहने,
अंग भभूति रमाए,
मस्ती में जब नाचे भोला,
डम डम डमरू बजाए,
त्रि भुवन थरथराता है तब,
तांडव करते हैं जब भोले भंडारी,
छब गौरा और शंकर की है न्यारी लागे,
दोनों की जोड़ी बड़ी प्यारी प्यारी,

शिव को पाने की खातिर क्या,
क्या जतन गौरा ने किए,
शिव की पत्नी बनने को,
गौरा ने कितने जनम लिए,
शिव शंकर को पाने के लिए उनको तब,
तप करना पड़ा था बड़ा भारी,
छब गौरा और शंकर की है न्यारी लागे,
दोनों की जोड़ी बड़ी प्यारी प्यारी,

गौरा और शिव का ये बंधन,
यूँ ही चलता जाएगा,
समय का सूरज चढ़ता रहेगा,
कभी ना ढलने पायेगा,
शिव और शिवा की लीला महिमा और,
अनवर देखेगी ये दुनिया सारी
छब गौरा और शंकर की है न्यारी लागे,
दोनों की जोड़ी बड़ी प्यारी प्यारी,



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जिस घर में रोज यह भजन सुना जाता है वहाँ शिव जी का सदा वास रहता है...

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