छोटी सी झोपड़िया मेरी माँ गरीब भजन
छोटी सी झोपड़िया मेरी माँ गरीब घर आ जाणा भजन
छोटी सी झोपड़िया मेरी माँ, ग़रीब घर आ जाणा,
छोटी सी झोपड़िया मेरी माँ, ग़रीब घर आ जाना,
बडे बडे लोग मैंया गाड़िया में आतें,
मैं पैदल आऊँ मेरी माँ, गरीब घर आ जाणा,
छोटी सी झोपड़िया मेरी माँ, ग़रीब घर आ जाणा,
बडे बडे लोग मैयां साड़ी पैहरावे,
मै चुंदडी ओढ़ाऊँ मेरी माँ गरीब घर आ जाणा,
छोटी सी झोपड़िया मेरी माँ ग़रीब घर आ जाणा,
छोटी सी झौंपडियां मेरी माँ, ग़रीब घर आ जाणा,
बड़े बड़े लोग मैया छत्तर चढ़ावें,
मैं मुकुट चढाऊँ मेरी माँ, गरीब घर आ जाणा,
छोटी सी झौंपडियां मेरी माँ, ग़रीब घर आ जाणा,
बडे बडे लोग मैया नथनी चढ़ावें,
मै कुंडल चढाऊँ मेरी माँ गरीब घर आ जाणा,
छोटी सी झोपड़िया मेरी माँ गरीब घर आ जाणा,
बडे बडे लोग मैया तागड़ी चढ़ावें,
मै पायल घड़ाऊं मेरी माँ गरीब घर आ जाणा,
छोटी सी झौंपडियां मेरी माँ, ग़रीब घर आ जाणा,
वड़े बडे लोग मैया लंगर लगावे,
मै कन्या जिमाउं मेरी माँ गरीब घर आ जाणा,
छोटी सी झौंपडियां मेरी माँ, ग़रीब घर आ जाणा,
छोटी सी झोपड़िया मेरी माँ, ग़रीब घर आ जाना,
बडे बडे लोग मैंया गाड़िया में आतें,
मैं पैदल आऊँ मेरी माँ, गरीब घर आ जाणा,
छोटी सी झोपड़िया मेरी माँ, ग़रीब घर आ जाणा,
बडे बडे लोग मैयां साड़ी पैहरावे,
मै चुंदडी ओढ़ाऊँ मेरी माँ गरीब घर आ जाणा,
छोटी सी झोपड़िया मेरी माँ ग़रीब घर आ जाणा,
छोटी सी झौंपडियां मेरी माँ, ग़रीब घर आ जाणा,
बड़े बड़े लोग मैया छत्तर चढ़ावें,
मैं मुकुट चढाऊँ मेरी माँ, गरीब घर आ जाणा,
छोटी सी झौंपडियां मेरी माँ, ग़रीब घर आ जाणा,
बडे बडे लोग मैया नथनी चढ़ावें,
मै कुंडल चढाऊँ मेरी माँ गरीब घर आ जाणा,
छोटी सी झोपड़िया मेरी माँ गरीब घर आ जाणा,
बडे बडे लोग मैया तागड़ी चढ़ावें,
मै पायल घड़ाऊं मेरी माँ गरीब घर आ जाणा,
छोटी सी झौंपडियां मेरी माँ, ग़रीब घर आ जाणा,
वड़े बडे लोग मैया लंगर लगावे,
मै कन्या जिमाउं मेरी माँ गरीब घर आ जाणा,
छोटी सी झौंपडियां मेरी माँ, ग़रीब घर आ जाणा,
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- छोटी सी झोपड़िया मेरी माँ गरीब घर आ जाणा - माता भजन | गायिका मीनाक्षी मुकेश
- Title - Choti Si Jhopadiya Meri Maa Bhajan
- Singer - Meenakshi Mukesh (Minakshi Panchal)
- Music - Rinku Gujral
- Lyrics & Composing - Traditional
- Editing - KV Sain
हृदय में एक ऐसी तीव्र पुकार उठती है, जो दुखों के बोझ तले दबे भक्त की व्यथा और उस परम सत्ता से सहारा मांगने की गहन आकांक्षा को व्यक्त करती है। यह पुकार केवल शब्दों का समूह नहीं, बल्कि एक ऐसी आत्मिक याचना है, जो जीवन की हारी हुई बाजियों और डूबती नाव को किनारे लगाने की आस लिए उस करुणा निधान की ओर देखती है। दुनिया की ठोकरें, अकेलेपन का बोझ, और स्वयं से हताशा ने भक्त को उस सांवरे के चरणों में ला खड़ा किया है, जहां वह केवल एक कृपादृष्टि की प्रतीक्षा करता है। यह भावना उस गहरे विश्वास को दर्शाती है कि वह सदा अपने भक्तों का खिवैया बनकर उनकी नाव को तूफानों से पार ले जाता है, और हर संकट में उनका सच्चा सहारा बनता है।
You may also like...
