मैया ओ शेरावाली ऊँचे पहाड़ा वाली भजन

मैया ओ शेरावाली ऊँचे पहाड़ा वाली भजन

(मुखड़ा)
मैया ओ शेरावाली,
ऊँचे पहाड़ा वाली,
विनती सुनो हमारी,
आए शरण तुम्हारी,
विनती सुनो हमारी,
आए शरण तुम्हारी।

(अंतरा 1)
तेरे पावन चरणों में माँ,
अपना शीश झुकाए,
तेरी महिमा गा-गा कर माँ,
तुमको आज मनाए,
कब तेरा माँ दर्शन पाएं,
सोया भाग जगाएं,
भर दो माँ झोली खाली,
ऊँचे पहाड़ा वाली,
विनती सुनो हमारी,
आए शरण तुम्हारी।

(अंतरा 2)
कब से तेरी चौखट पे माँ,
आस लगाए खड़े हैं,
तेरे दर्शन करने को माँ,
शरण तुम्हारी पड़े हैं,
अब तो आओ दर्शन दो माँ,
अब ना देर लगाओ,
जयकारा तेरा गाए,
मैया तुम्हे बुलाए,
ऊँचे पहाड़ा वाली,
विनती सुनो हमारी,
आए शरण तुम्हारी।

(अंतरा 3)
माँ बेटे का रिश्ता ऐसा,
जैसे बाती दीया,
विपदा सारी हरती मैया,
दुःख चाहे हो जीया,
जो भी तेरा ध्यान लगाएं,
सुख-शांति वह पाए,
मंदिर तेरा सुहाना,
नित रोज़ हो आना,
ऊँचे पहाड़ा वाली,
विनती सुनो हमारी,
आए शरण तुम्हारी।

(अंतरा 4)
चम-चम करती चुनर तेरी,
रंग रंगीली छाए,
कंगन चूड़ी पहनाकर माँ,
कुमकुम तिलक लगाए,
मीठा-मीठा भोग लगाएं,
तुमको खूब मनाएं,
अंगना सजे है मैया,
दिल से बुलाए मैया,
ऊँचे पहाड़ा वाली,
विनती सुनो हमारी,
आए शरण तुम्हारी।

(पुनरावृत्ति – मुखड़ा)
मैया ओ शेरावाली,
ऊँचे पहाड़ा वाली,
विनती सुनो हमारी,
आए शरण तुम्हारी,
विनती सुनो हमारी,
आए शरण तुम्हारी।
 


मईया ओ शेरोंवाली | मईया मेरी लाज़ रख लें | माँ शेरोंवाली
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