राम बनवास कथा भजन

राम बनवास कथा भजन

एह की हाल बनाया ए,
दस नी ककैई रानिये, काहदा जाल बिछाया ए।।

जाओ सानु ना बुलाओ जी,
दिल बड़ा दुखी हो गया, आ के होर ना सताओ जी।।

केहड़ी गल तो दिल डोलिया,
मैं सीस कट देवा उसदा, रानी जिस तैनू मंदा बोलिया।।

साडी किस्मत फुट गयी ए,
मुदत्ता दी आस जो लग्गी, अज्ज घड़ी विच टूट गयी ए।।

कोई गल ता तू दस रानिये,
मैं अर्शा दे तारे तोड़ के, देवा तेरे अग्गे रख रानिये।।

क्यों दिल परचाउंदे ओ,
फोकियाँ गल्ला करके, साडे दिल नु मनाउंदे ओ।।

अज्ज खुशियां दा दिन रानी,
राम बैठु तख़्त उत्ते, तेरे नैना विच क्यों पानी।।

जाओ खुशियां मनाओ जी,
साडे नाल काहदा रिश्ता, जाओ शगन मनाओ जी।।

राजा वचना नू याद करो,
अज्ज सानु लोड़ पई, ऐंवे मन ना खराब करो।।

जो मंगना सो मंग रानी,
मंग चाहे जान मेरी, ऐंवे कर ना तू संग रानी।।

वचन मंगदी मैं रख जिगरा,
राम जाये वनवास नू, ते राज करे भरत मेरा।।

ए की बोल सुनाया ए,
सीने उत्ते मेरे जालमे, डाहडा तीर चलाया ए।।

ए ता पहला ही सी मैं जानदी,
मेरी गल तीर लगनी, तहियो बोलना मैं नहीं चाहुंदी।।

राजा झगड़े नू छड्ड सारे,
राम भेजो वनवास नू, नहीं ता कहो तुसी वचन हारे।।

रीत रघुकुल चली आई,
प्राण जाये लख वारि, पर वचन कदे ना जाई।।

फूल सुक्क गए कलियाँ दे,
प्रभु राम वनवास चले, कख रोंदे ने गलियां दे।।

रोंदी माता कौशल्या ए,
तारा जेहदी अखियां दा, वनवास नू चलया ए।।

कोई मोड़ लै आओ जी,
ओ लाल मेरा विछड़ गया, कोई आन मिलावो जी।।

bhajanयूट्यूब पर पहली बार बहुत दर्द भरा भजन श्री राम बनवास के लिए केकई और दशरथ जी की वार्तालाप
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