माई अँगना पधारी मज़ा आ गया भजन

माई अँगना पधारी मज़ा आ गया भजन

(मुखड़ा)
क्रीट-कुंडल पहन,
डाले काजल नयन,
माई अँगना पधारी,
मज़ा आ गया,
होंठ लाली लगी,
माथे बिंदिया सजी,
माई अँगना पधारी,
मज़ा आ गया।।

(अंतरा)
धोके चरणों को,
चरणामृत पी लिया,
धूप-नैवेद्य से,
माँ का स्वागत किया,
दीपमाला सजी,
खिल उठी हर कली,
माई अँगना पधारी,
मज़ा आ गया।।

सिंह के साथ,
आई हैं माता मेरी,
शस्त्र धारण किए,
कंठ-माला सजी,
माँ सुदर्शन लिए,
सबने दर्शन किए,
माई अँगना पधारी,
मज़ा आ गया।।

लाल चूनर में माँ,
बड़ी प्यारी लगे,
नित नए रूप में,
सबसे प्यारी लगे,
हाथ कंगना सजे,
पाँव पायल बजे,
माई अँगना पधारी,
मज़ा आ गया।।

(अंतिम पुनरावृत्ति)
क्रीट-कुंडल पहन,
डाले काजल नयन,
माई अँगना पधारी,
मज़ा आ गया,
होंठ लाली लगी,
माथे बिंदिया सजी,
माई अँगना पधारी,
मज़ा आ गया।।
 


माई अँगना पधारीं मज़ा आ गया....
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