आज बुधवार है गणपत जी का वार है लिरिक्स Aaj Budhwar Hai Ganpat Ji Ka Vaar Hai Lyrics

आज बुधवार है गणपत जी का वार है लिरिक्स Aaj Budhwar Hai Ganpat Ji Ka Vaar Hai Lyrics

 
आज बुधवार है गणपत जी का वार है लिरिक्स Aaj Budhwar Hai Ganpat Ji Ka Vaar Hai Lyrics

आज बुधवार है,
गणपत जी का वार है
ये सच्चा दरबार है,
सबसे पहले इनको पूजें,
उसका बेड़ा पार है,
आज बुधवार है,

वक्रतुण्ड है, महाकाय है,
एकदंताय कहलाते हैं,
एकदंताय कहलाते हैं,
रिद्धि सिद्धि को देने वाले,
सबके कष्ट मिटाते हैं,
सबके कष्ट मिटाते हैं,
महिमा अपरम्पार है,
गणपत जी का वार है,
सबसे पहले इनको पूजें,
उसका बेड़ा पार है,
आज बुधवार है,

 शिव शंकर ने क्रोध में आकर,
इनके शीश को काटा है,
इनके शीश को काटा है,
पार्वती की विनती पर फिर,
गज का शीश लगाया है,
गज का शीश लगाया है,
इनकी जय जय कार है,
गणपत जी का वार है,
सबसे पहले इनको पूजें,
उसका बेड़ा पार है,
आज बुधवार है,

परशुराम से युद्ध हुआ तब,
फरसा इनपर मारे हैं,
एक दाँत फिर टूट गया तो,
एक दन्त कहलाते हैं,
एक दन्त कहलाते हैं,
गणपत जी का वार है,
सबसे पहले इनको पूजें,
उसका बेड़ा पार है,
आज बुधवार है,

लाडू पेड़ा मोदक मेवे,
बप्पा जी को भाता है,
उनकी मुरादें पूर्ण हो जो,
इनको भोग चढ़ाता है,
इनको भोग चढ़ाता है,
करते भव् से पार हैं,
गणपत जी का वार है,
सबसे पहले इनको पूजें,
उसका बेड़ा पार है,
आज बुधवार है,


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Album - Aaj Budhwaar hain
Song - Aaj Budhwar Hai
Singer - Tara devi
Music - Baljeet Chahal
Lyrics - Traditional
Label: Ambey Bhakti 

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