बंसिया बजावै बिरज के छौरा शीतल कदम्ब
जमुना का पानी मारे है हिलकोरा,
बंसिया बजावै बिरज के छौरा,
शीतल कदम्ब की छैया,
झूला झूले हैं कृष्ण कन्हैया,
भँवरा गाएं राग रागिनी,
कोयल कू कू बोले,
मोर मुकुट छवि मन मोहन की,
प्रेम हृदय में घोले,
के हाँ रे हाँ,
नाच रहे हैं ग्वाल गैयाँ,
झूला झूले हैं कृष्ण कन्हैया,
शीतल कदम्ब की छैया,
सूरज झूमें, चंदा झूमें,
झूमें दसों दिशाएं,
दीवाना कर रही है "रौशन" (लेखक-रौशन सिंह),
वृन्दावन की हवाएँ,
सूरज झूमें, चंदा झूमें,
झूमें दसों दिशाएं,
दीवाना कर रही है
वृन्दावन की हवाएँ,
"अमृता" गावें बधाईया,
झूला झूले हैं कृष्ण कन्हैया,
शीतल कदम्ब की छैया,
झूला झूले हैं कृष्ण कन्हैया,
शीतल कदम्ब की छैया,
झूला झूले हैं कृष्ण कन्हैया,
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Bhajan - Bansiya Bajave Barij Ke Chaura
Singer - Amrita Dixit
Writer - Raushan Singh
Music - Chotu Rawat
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं