दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखिया

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखिया प्यासी

 
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखिया प्यासी Darshan Do Ghanshyam Nath Lyrics

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखिया प्यासी रे,
मन मंदिर की जोत जगा दो, घट घट वासी रे,

मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न दीखे सूरत तेरी,
युग बीते ना आई मिलन की पूरणमासी रे,
दर्शन दो घनश्याम,

द्वार दया का जब तू खोलें, पंचम सुर में गूँगा बोले,
अंधा देखे लंगड़ा चल कर पँहुचे काशी रे,
दर्शन दो घनश्याम,

पानी पी कर प्यास बुझाऊँ, नैनन को कैसे समजाऊँ,
आँख मिचौली छोड़ों, अब तो मन के वासी रे,
दर्शन दो घनश्याम,
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखिया प्यासी रे,
मन मंदिर की जोत जगा दो, घट घट वासी रे,


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दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अंखियां प्यासी रे | Darshan Do Ghanshyam Nath | Prem Prakash Dubey
Album - Krishan Bhajan
Song - Darshan Do Ghanshyam Nath
Singer - Prem Prakash Dubey
Music - Satish Dehra
Lyrics - Traditional 
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