ढूंढ़ती फिरती हू तुझको कब मिलोगे

ढूंढ़ती फिरती हू तुझको कब मिलोगे सांवरे भजन

 
ढूंढ़ती फिरती हू तुझको कब मिलोगे सांवरे Dhundhati Phirati Hu Tujhko Kab Lyrics

ढूंढ़ती फिरती हूँ तुझको कब मिलोगे साँवरे,
क्यों कहीं दीखते नहीं हो नैना हुए मेरे बावरे
ढूंढ़ती फिरती हूँ तुझको कब मिलोगे साँवरे,

द्वारिका मथुरा गई मैं बरसाने गोकुल गई
मीरा तो बी बन पाई ना देख रे क्या बन गई
हे कन्हैया बंसी बजैया दुखने लगे मेरे पाँव रे
ढूंढ़ती फिरती हूँ तुझको कब मिलोगे साँवरे,
आरज़ू देखूं तुझे अब मन कहीं लगता नहीं
देख ली दुनिया तेरी पर चैन भी मिलता नहीं
हर घडी बस आस तेरी बैठी कदम्ब की छाँव रे
ढूंढ़ती फिरती हूँ तुझको कब मिलोगे साँवरे,

तुम तो घट घट में बेस हो फ्री प्रभु देरी ये क्यों
सांवरे नहीं सुन रही हो प्रार्थना मेरी ये क्यों
लेहरी नैया के खिवैया दर्शन मुझे दे सांवरे
ढूंढ़ती फिरती हूँ तुझको कब मिलोगे साँवरे,


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Uma Lahari Shyam Bhajan | ढूंढती फिरती हूँ तुझको कब मिलोगे सांवरे | Kab Miloge Sanwre (Lyrical)
Song: Kab Miloge Sanwre
Singer: Uma Lahari
Lyricist: C.S. Lahari
Video: Sarvan Kumar
Category: Hindi Devotional (Shyam Bhajan)
Producers: Amresh Bahadur, Ramit Mathur

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