कहवाँ से अइला धनुर्धर बटोही Kahava Se Aaila Dhanurdhar Batohi

कहवाँ से अइला धनुर्धर बटोही Kahava Se Aaila Dhanurdhar Batohi

पूज्य राजन जी द्वारा गाया हुवा ये भजन- हे बबुआ, आपन बता द तू नाम, एक बहुत ही सुन्दर भोजपूरी भजन है। प्रभु श्री राम जब अपनी वन यात्रा में थे तो चित्रकूट पहुंचने से पहले मार्ग के वनवासी लोग भगवान के स्वरूप को देख कर भ्रमित हो जाते हैं और बड़ी विनम्रता के साथ वे लोग प्रभु से यह प्रश्न करते हैं। इस भजन को पूज्य राजन जी ने ग्रा- बेरूवारबारी, बलिया, उत्तर प्रदेश की श्री रामकथा में गाया है जो मार्च 2018 में हुई थी। इस भजन की रचना श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य जी ने की है ।
 
कहवाँ से अइला धनुर्धर बटोही लिरिक्स Kahava Se Aaila Dhanurdhar Batohi Lyrics

कहवाँ से अइला धनुर्धर बटोही,
अजईबा कहाँ कौन धाम,
हे बबुआ, आपन बता द तू नाम,
हे बबुआ, आपन बता द तू नाम,

केकरा के कुखिया में लीलहवा जनमवा,
कवन पिता के बिहिस्कयी लमनवा,
रउवा के कोमल कमल पद के रज से,
पावन भई रे कौन धाम,
हे बबुआ, आपन बता द तू नाम,
हे बबुआ, आपन बता द तू नाम,

तोहरा कयबहिबा थोड़ी उमरियां,
राजा के लक्षण से, संजुत शरीरिया,
तीनों के देखी के लजाई जाती चंपा,
बिजुरिया सजन घनश्याम,
हे बबुआ, आपन बता द तू नाम,
हे बबुआ, आपन बता द तू नाम,

कवन निर्पितिया से लक्ष्मी रीसलियी,
कहाव के लोगवा के भगियन नासियलि,
कवन से कसुरवा से अहिला बनवा
सहला कठिन सीतधाम,
हे बबुआ, आपन बता द तू नाम,
हे बबुआ, आपन बता द तू नाम,

तीनों जन अमवा के निचवा छहाई ला,
बाढ़ बुखाइल तनिक, रोटी साग खाईला,
गिरधर के अँखियाँ के पतरी राघव,
एही जहां रहो आठों याम
हे बबुआ, आपन बता द तू नाम,
हे बबुआ, आपन बता द तू नाम,
कहवाँ से अइला धनुर्धर बटोही,
अजईबा कहाँ कौन धाम,
हे बबुआ, आपन बता द तू नाम,
हे बबुआ, आपन बता द तू नाम,


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हे बबुआ, आपन बता द तू नाम PUJYA RAJAN JEE BHAJAN RAJANJI

 
पूज्य राजन जी द्वारा गाया हुवा ये भजन- हे बबुआ, आपन बता द तू नाम, एक बहुत ही सुन्दर भोजपूरी भजन है। प्रभु श्री राम जब अपनी वन यात्रा में थे तो चित्रकूट पहुंचने से पहले मार्ग के वनवासी लोग भगवान के स्वरूप को देख कर भ्रमित हो जाते हैं और बड़ी विनम्रता के साथ वे लोग प्रभु से यह प्रश्न करते हैं। इस भजन को पूज्य राजन जी ने ग्रा- बेरूवारबारी, बलिया, उत्तर प्रदेश की श्री रामकथा में गाया है जो मार्च 2018 में हुई थी। इस भजन की रचना श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य जी ने की है । 

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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