राम भजा सो जीता जग में
राम भजा सो जीता जग में,
राम भजा सो जीता रे,
हृदय शुद्ध नही कीन्हों मूरख,
कहत सुनत दिन बीता रे,
राम भजा सो जीता जग में,
हाथ सुमिरनी, पेट कतरनी,
पढ़त भागवत गीता,
हिरदय सुद्ध किया नहीं बौरे,
कहत सुनत दिन बीता रे,
राम भजा सो जीता जग में,
और देव की पूजा किन्हीं,
हरि सों रहा अमीता रे,
धन जौबन तेरा यहीं रहेगा,
अंत समय चल रीता रे,
राम भजा सो जीता जग में,
बाँवरिया बन में फंद रोपै,
संग में फिरै निचीता रे,
कहे 'कबीर' काल यों मारे,
जैसे मृग कौ चीता रे,
राम भजा सो जीता जग में,
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Song Name: Ram Bhaja So Jeeta Jag Mein
Artist: Sandhya Mukherjee
Music: Satinath Mukherjee
Lyrics: Kabirdas,Kabir Das
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