लुदरवे री मुमल प्यारी प्यारी मूमल Ladarave Re Mumal Pyari Pyari Mumal Dapu Khan Meaning
अरे राणा राणा वो,
मूमल जिन्मी (जन्मी ) लुदरवे
राणो अमरकोट
लिख्या विधाता लेखड़ा
मूमल राणा महेंद्रा
राणा तू काणा, मत कर माणा
ते हेक लजोई काक थे,
ते बीजी लजोई धट
अरे मारे कन्जो मत,
मोड़ बधारणा महेंद्रा,
मूमल जिन्मी (जन्मी ) लुदरवे
राणो अमरकोट
लिख्या विधाता लेखड़ा
मूमल राणा महेंद्रा
राणा तू काणा, मत कर माणा
ते हेक लजोई काक थे,
ते बीजी लजोई धट
अरे मारे कन्जो मत,
मोड़ बधारणा महेंद्रा,
धापू खान के इस लोक गीत में मूमल की सुंदरता के विषय में बताया गया है जो राजस्थान का लोक गीत है। मूमल लदरवे (लुद्रवे ) में जन्मी है और राणा (राजकुमार ) अमरकोट का है। विधाता ने ऐसे लेख लिख दिए हैं। राणा तू काना (व्यंग्य ) है तू स्वंय पर मान मत कर। अपने पर मान मत करो।
शीश मुमल रो, सरूप नारियल ज्यूँ
शीश माड़ेची रो, सरूप नारियल ज्यूँ
केश मुमल रा, बागस नाग ज्यूँ
लुदरवे री मुमल, प्यारी प्यारी मूमल
हाले तो ले जावां, अमराणे वाले देश
शीश माड़ेची रो, सरूप नारियल ज्यूँ
केश मुमल रा, बागस नाग ज्यूँ
लुदरवे री मुमल, प्यारी प्यारी मूमल
हाले तो ले जावां, अमराणे वाले देश
मूमल का मस्तक नारियल के समान सरूप (सुन्दर) है और नारियल के समान सुंदर है। मूमल के बाल बागस नाग के समान हैं। लुदरवे की मूमल बहुत प्यारी है। तुम चलो तो तुम्हें अमराने के देश लेकर चलूँ।
आँख मुमल री, मिरग प्यालिया रे
आँख माड़ेची, मदिड़े रा प्यालिया
ओवई नाक मुमल रो, सूवो री चोंच ज्यूँ
लदुरवे री मुमल, प्यारी प्यारी मूमल
हाले तो ले जावां, अमराणे वाले देश
आँख माड़ेची, मदिड़े रा प्यालिया
ओवई नाक मुमल रो, सूवो री चोंच ज्यूँ
लदुरवे री मुमल, प्यारी प्यारी मूमल
हाले तो ले जावां, अमराणे वाले देश
मूमल की आँख मृग की आँखों के सदृश्य हैं और मदिरा के प्यासे जैसे नशीले हैं। मूमल की नाक तोते के समान सुन्दर है। तुम चलो तो तुम्हे अपने साथ अमराने देश लेकर चलूँ।
होंठ माड़ेची रा, रेशम री डोर ज्यूँ रे
होंठ माड़ेची रा, रेशमिये री डोर ओवई
दाँत मूमल रा, दाड़म बीज ज्यूँ
प्यारी प्यारी मूमल, धनुवे री मूमल
हाले तो ले जावां, अमराणे वाले देश
मूमल जिन्मी (जन्मी ) लुदरवे
राणो अमरकोट
लिख्या विधाता लेखड़ा
मूमल राणा महेंद्रा
राणा तू काणा, मत कर माणा
ते हेक लजोई काक थे,
ते बीजी लजोई धट
अरे मारे कन्जो मत, मोड़ बधारणा महेंद्रा,
होंठ माड़ेची रा, रेशमिये री डोर ओवई
दाँत मूमल रा, दाड़म बीज ज्यूँ
प्यारी प्यारी मूमल, धनुवे री मूमल
हाले तो ले जावां, अमराणे वाले देश
मूमल जिन्मी (जन्मी ) लुदरवे
राणो अमरकोट
लिख्या विधाता लेखड़ा
मूमल राणा महेंद्रा
राणा तू काणा, मत कर माणा
ते हेक लजोई काक थे,
ते बीजी लजोई धट
अरे मारे कन्जो मत, मोड़ बधारणा महेंद्रा,
मूमल के होंठ रेशम की डोर के समान पतले और मुलायम हैं। मूमल के दाँत अनार के दाने के समान हैं। तुम चलो तो मैं तुम्हे अपने साथ अमराने देश लेकर चलती हूँ।
अरे राणा राणा वो,
मूमल जिन्मी (जन्मी ) लुदरवे
राणो अमरकोट
लिख्या विधाता लेखड़ा
मूमल राणा महेंद्रा
राणा तू काणा, मत कर माणा
ते हेक लजोई काक थे,
मूमल जिन्मी (जन्मी ) लुदरवे
राणो अमरकोट
लिख्या विधाता लेखड़ा
मूमल राणा महेंद्रा
राणा तू काणा, मत कर माणा
ते हेक लजोई काक थे,
ते बीजी लजोई धट
अरे मारे कन्जो मत,
मोड़ बधारणा महेंद्रा,अरे मारे कन्जो मत,
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Moomal I Dapu Khan I Rajasthan KabirYatra 2019
Vocal & Khamaicha: Dapu Khan
Khartal: Kasam Khan
Khartal: Kasam Khan
Dapu Khan was the voice of the majestic Jaisalmer Fort. He was the only singer who sang from within the bustling fort premises for the last 25 years and yet, he remains as enigmatic as the desert myths and tales. He was one of the very few exponents of the Kamaicha, which is often termed as one of the oldest bowed instruments in the world.The beautiful composition 'Moomal' sketches the unrivaled beauty of Princess Moomal of Lodurva. Moomal and Prince Mahendra of Amarkot are predestined to be together. The writer taunts the Prince to let down his haughtiness because his charms are nothing in front of the divine beauty of Princess Moomal.
Author - Saroj Jangir
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