वारि मेरे लटकन पग धरो छतियाँ लिरिक्स Vaari Mere Latkan Pag Dharo Chatiya Lyrics
वारि मेरे लटकन पग धरो छतियाँ,
कमलनयन बलि जाऊँ वदनकी,
शोभित नेन्ही नेन्ही द्वे दूधकी दतियाँ,
यह मेरी यह तेरी यह बाबा नन्दजूकी,
यह बलभद्र भैया की,
यह ताकि जो झूलावे तेरो पलना,
ईंहां ते चली खुर खात पीवत जल,
परिहरो रुदन हँसो मेरे ललना,
रुनक झूनक पग बाजत पैजनियाँ,
अलबल कलबल, बोलो मृदु बनियाँ,
परमानंद प्रभु त्रिभुवन ठाकुर,
जाय झूलावे बाबा नंद्जू की रनियाँ,
कमलनयन बलि जाऊँ वदनकी,
शोभित नेन्ही नेन्ही द्वे दूधकी दतियाँ,
यह मेरी यह तेरी यह बाबा नन्दजूकी,
यह बलभद्र भैया की,
यह ताकि जो झूलावे तेरो पलना,
ईंहां ते चली खुर खात पीवत जल,
परिहरो रुदन हँसो मेरे ललना,
रुनक झूनक पग बाजत पैजनियाँ,
अलबल कलबल, बोलो मृदु बनियाँ,
परमानंद प्रभु त्रिभुवन ठाकुर,
जाय झूलावे बाबा नंद्जू की रनियाँ,
You Tube Video Link : https://www.youtube.com/watch?v=HNaDQ3kFvss
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Palna Ke Pad I Vari Mere Latkan I Raag Asawari I Kirtankar Rasesh Shah
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