हारे का साथी है सदा हार के तूँ रहना भजन लिरिक्स Haare Ka Sathi Hai Sada Haar Ke Tu Rahana Bhajan Lyrics

हारे का साथी है सदा हार के तूँ रहना भजन लिरिक्स Haare Ka Sathi Hai Sada Haar Ke Tu Rahana Bhajan Lyrics


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ग़र श्याम से मिलना है, एक बात समझ लेना,
हारे का साथी है, सदा हार के तूँ रहना।

मीरा भी हारी थी, गिरधर को पाई थी,
विष अमृत कर पाया, मोहन को रिझाई थी,
नैनों में श्याम बसा, विष पान किया करना,
हारे का साथी है, सदा हार के तूँ रहना।

नरसिहं जब हारा था, साँवरिया आया था,
धर भेष सेठिये का, क्या माल लुटाया था,
तारों से तार मिला, मन पीडा सुना देना,
हारे का साथी है, सदा हार के तूँ रहना।

एक मित्र सुदामा था, शर्वश्व अपना हारा,
इस मुरली मनोहर ने, अपना सब कुछ वारा,
तू दीन हीन बनकर, चरणों में रहा करना,
हारे का साथी है, सदा हार के तूँ रहना।

घनश्याम से प्रीत लगा, देखों भक्त वत्सल हारे,
हारी हुई बाजी को, श्री श्याम जीता डाले,
कहे श्याम बहादुर तू, दर पे दे दे धरना,
हारे का साथी है, सदा हार के तूँ रहना।
गर श्याम से मिलना है, एक बात समझ लेना,
हारे का साथी है, सदा हार के तूँ रहना।


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