कन्हैया एक नजर जो आज तुझको देखता होगा भजन लिरिक्स Kanhaiya Ek Najar Jo Tujhko Dekhata Hoga Bhajan Lyrics Sanjay Mittal
कन्हैया एक नजर जो,
आज तुझको देखता होगा,
मेरे सरकार को किसने,
सजाया सोचता होगा,
कन्हैयाँ इक नज़र जो।
सज़ा कर खुद वो हैरान हैं,
की ये तस्वीर किसकी है,
सजाया तुझको जिसने भी,
हसीन तक़दीर उसकी है,
कभी खुश हो रहा होगा,
ख़ुशी से रो रहा होगा,
कन्हैयाँ इक नजर जो,
आज तुझको देखता होगा,
कन्हैयाँ इक नज़र जो।
जमानें भरके फ़ूलों से,
कन्हैयाँ को लपेटा है,
कली को गूँथ कर किसने,
ही गजरों में समेटा है,
सजा श्रृंगार ना पहले,
ना कोई दूसरा होगा,
कन्हैयाँ इक नजर जो,
आज तुझको देखता होगा,
कन्हैयाँ इक नज़र जो।
फ़रिश्ते भी तुझे छुप छुप,
के कान्हाँ देखते होंगे,
तेरी तस्वीर में खुद की,
झलक वो देखते होंगे,
हर्ष के दिल पे जो गुजरी,
ये वो ही जानता होगा,
कन्हैयाँ इक नजर जो,
आज तुझको देखता होगा,
कन्हैयाँ इक नज़र जो।
आज तुझको देखता होगा,
मेरे सरकार को किसने,
सजाया सोचता होगा,
कन्हैयाँ इक नज़र जो।
सज़ा कर खुद वो हैरान हैं,
की ये तस्वीर किसकी है,
सजाया तुझको जिसने भी,
हसीन तक़दीर उसकी है,
कभी खुश हो रहा होगा,
ख़ुशी से रो रहा होगा,
कन्हैयाँ इक नजर जो,
आज तुझको देखता होगा,
कन्हैयाँ इक नज़र जो।
जमानें भरके फ़ूलों से,
कन्हैयाँ को लपेटा है,
कली को गूँथ कर किसने,
ही गजरों में समेटा है,
सजा श्रृंगार ना पहले,
ना कोई दूसरा होगा,
कन्हैयाँ इक नजर जो,
आज तुझको देखता होगा,
कन्हैयाँ इक नज़र जो।
फ़रिश्ते भी तुझे छुप छुप,
के कान्हाँ देखते होंगे,
तेरी तस्वीर में खुद की,
झलक वो देखते होंगे,
हर्ष के दिल पे जो गुजरी,
ये वो ही जानता होगा,
कन्हैयाँ इक नजर जो,
आज तुझको देखता होगा,
कन्हैयाँ इक नज़र जो।
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