साँवरे के रहते क्यों तूँ घबराता है भजन लिरिक्स Saanware Ke Rahate Kyo Tu Ghabraata Hai Bhajan Lyrics

साँवरे के रहते क्यों तूँ घबराता है भजन लिरिक्स Saanware Ke Rahate Kyo Tu Ghabraata Hai Bhajan Lyrics

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सांवरे के रहते क्यों तू घबराता है,
भावों के आँसू क्यों,
ना चरणों में बहाता है,
साँवरे के रहते क्यों तूँ घबराता है।

आँसूं की भाषा ये जानता हैं,
अपने पराए को पहचानता है,
आँसू की धारा में बह जाता है,
सांवरे के रहते क्यों तू घबराता हैं,
भावों के आँसू क्यों, ना चरणों में बहाता है,
साँवरे के रहते क्यों तूँ घबराता है।

नरसी सुदामा ने बात बताई,
आँसूं के बदले मिलते हैं कन्हाई,
बिन माँगे सब कुछ मिल जाता है,
सांवरे के रहते क्यों तू घबराता है,
भावों के आँसू क्यों, ना चरणों में बहाता है,
साँवरे के रहते क्यों तूँ घबराता है।

 
जिस ने दो आंसू दर पे गिराए,
पलकों पे उसको अपने बिठाए,
बिगड़ा नसीबा संवर जाता है,
सांवरे के रहते क्यों तू घबराता है,
भावों के आँसू क्यों, ना चरणों में बहाता है,
साँवरे के रहते क्यों तूँ घबराता है।

मंदिर में इनके जब जब मैं आया,
ठाकुर से अपने नैना मिलाया,
श्याम कहे दिल मेरा भर आता है,
सांवरे के रहते क्यों तू घबराता है,
भावों के आँसू क्यों, ना चरणोँ मैं बहाता है,
साँवरे के रहते क्यों तूँ घबराता है।
सांवरे के रहते क्यों तू घबराता है,
भावों के आँसू क्यों,
ना चरणों में बहाता है,
साँवरे के रहते क्यों तूँ घबराता है।

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