कुशल कारीगर ही इनकी पहचान लिरिक्स विश्कर्मा भजन Kushal Karigar Hi Inki Pahchaan Hai Lyrics

कुशल कारीगर ही इनकी पहचान लिरिक्स विश्कर्मा भजन Kushal Karigar Hi Inki Pahchaan Hai Lyrics


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कुशल कारीगर ही इनकी पहचान,
ब्रह्म स्वरुप ये विश्वकर्मा भगवान है
गूँज रहा नौ खंड में इनका जयकारा
इनके किरपा से सुंदर बना जहान है
कुशल कारीगर ही इनकी पहचान,
ब्रह्म स्वरुप ये विश्वकर्मा भगवान है

वास करे जग में जगत में इनका सारा है,
इन्होंने श्रृष्टि अपने हाथोँ से सँवारा है,
देव भूमि नीलांचल पर्वत का नज़ारा है,
धाम बड़ा ही अद्भुत इनका धारा धारा है,
देवों के मुख पे इनका ही तो गुणगान है,
ब्रह्म स्वरुप ये विश्वकर्मा भगवान है

सुद्धरपुर में बैठ सिंगासन राज चलाते हैं,
शरणागत का बैठे बैठे काम बनाते हैं,
हर रोते चेहरे पे ये मुश्कान लाते हैं,
भगतों का जीवन आपने हाथो से सजाते है
बड़ी अनोखी छवि ही इनकी शान है
ब्रह्म स्वरुप ये विश्वकर्मा भगवान है

श्री कृष्ण की द्वारिकापुरी को वसाया है,
सोने की सुंदर लंका को भी बनाया है,
अस्त्र शस्त्र हाथो में देवो के थमाया है,
कुंदन शरण में इनके आके शीश निभाया हैं,
ब्रह्म स्वरुप ये विश्वकर्मा भगवान है


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