इससे बढ़ के कोई शय भी, कोमल नहीं, माँ के दिल जैसा, दुनिया में कोई दिल नहीं। माँ का दिल, माँ का दिल, माँ का दिल, माँ का दिल।। (अंतरा 1) माँ के भक्तजनों, थाम के दिल सुनो, माँ के दिल की कहानी सुनाता हूँ मैं। पीड़ा, दुख से घिरी, आँसुओं से भरी, सच्ची ममता के दर्शन कराता हूँ मैं।
दुखिया एक नारी थी, भाग्य की मारी थी, सुखदेवी था नाम, पर सुख ना मिला। उसके सिंदूर को, बिंदिया के नूर को, हाय, ज़ालिम मुक़द्दर ने छीन था लिया।
एक नूरे-नज़र, प्यार का लख़्ते-जिगर, उसकी ममता की छाँव में पलता रहा। माँ की ऊँगली पकड़, चलके इधर-उधर, कभी गिरता, कभी वो सँभलता रहा।
माँ को रहता था डर, कोई लगे ना नज़र, काला गाल पर टीका लगाती थी वो। हो के बस प्यार के, मिर्चों को वार के, जलते चूल्हे में नित्य गिराती थी वो।
उसे आँखों से करती वो ओझल नहीं, उसे आँखों से करती वो ओझल नहीं। माँ के दिल जैसा, दुनिया में कोई दिल नहीं। माँ का दिल, माँ का दिल, माँ का दिल, माँ का दिल।। (अंतरा 2) कपड़े सी-सी के, वो आँसू पी-पी के, अपने बेटे पे खुशियाँ लुटाती रही। अबला की बेबसी, करके फ़ाकाकशी, भूखी खुद रह के उसको खिलाती रही।
दिन गुज़रते रहे, रो-रो कटते रहे, कभी बच्चे को ग़म ना था करने दिया। चाहे लाचार थी, दुख से दो-चार थी, साया दुखों का उस पे ना पड़ने दिया।
मन में था हौसला, कल को हो के बड़ा, मेरे क़दमों में खुशियाँ बिछा देगा ये। अच्छे दिन आएँगे, दूर ग़म जाएँगे, मेरे काँटों को कलियाँ बना देगा ये।
अंबे मैया के दर, उसका करने शुक्र, साथ बेटे के एक दिन जाऊँगी मैं। घर में आए बहू, परियों सी हूबहू, माँग मन्नत भवानी से लाऊँगी मैं।
दूर मुझसे मेरी, अब तो मंज़िल नहीं, दूर मुझसे मेरी, अब तो मंज़िल नहीं। माँ के दिल जैसा, दुनिया में कोई दिल नहीं। माँ का दिल, माँ का दिल, माँ का दिल, माँ का दिल।। (अंतरा 3) दे के ममता-दुलार, चाव कर बेशुमार, रोज़ सपने ही सपने संजोती रही। कभी मुँह चूमती, उसको ले झूमती, चाहे पर्दे में नित्य ही रोती रही।
तारा आँखों का वो, माँ का प्यारा था जो, वक्त के साथ एक दिन बड़ा हो गया। माँ के बलिदान की कोई कदर ना रही, बुरी संगत की दलदल में वो खो गया।
ऐबों से घिर गया, इस कदर गिर गया, गालियाँ तक था माँ को सुनाने लगा। मेहनतों का जो धन, एक चंडाल बन, बेहयाई से वो था लुटाने लगा।
मैया रोती रही, आहें भरी रही, हाय, सोचा था क्या और क्या हो गया। सपना टूटा है क्यों, भाग्य फूटा है क्यों, क्यों भलाइयों का बदला बुरा हो गया।
चाह जो था हुआ, उसको हासिल नहीं, माँ के दिल जैसा, दुनिया में कोई दिल नहीं। माँ का दिल, माँ का दिल, माँ का दिल, माँ का दिल।। (अंतरा 4) वो दुराचारी बन, हो गया बदचलन, फँस गया ग़लत लड़की के प्रेम-जाल में। जितना चिल्लाती माँ, उसको समझती माँ, उतना ज़्यादा वो डूब था जंजाल में।
रोज़ लड़की से मिल, उसका कहता था दिल, तुझसे शादी रचाने को जी चाहता। तुझे दुल्हन बना, डोली में बिठा, घर अपने ले जाने को जी चाहता।
तेरे सर की कसम, मेरे प्यारे सनम, तेरे बिन अब तो मुझसे जिया जाए ना। तुम को जो करूँ, तुझपे जा वार दूँ, पर जुदाई का विष ये पिया जाए ना।
लड़की ने कहा, गर मुझसे वफ़ा, दिल अपनी तू माँ के मुझे ला के दे। जो तू इतना करे, मेरा वादा है ये, तो मैं जाऊँगी शान से घर में तेरे।
बड़ा आसान है काम, मुश्किल नहीं, माँ के दिल जैसा, दुनिया में कोई दिल नहीं। माँ का दिल, माँ का दिल, माँ का दिल, माँ का दिल।।
अँधा हो प्यार में, झूठे ऐतबार में, हाय, ले के छुरी अपने घर आ गया। माँ को कुछ ना पता, होने वाला है क्या, बेटा ढाने को क्या है कहर आ गया।
माँ ने रोज़ की तरह खाना लाके दिया, और सौ-सौ दुआएँ भी देने लगी। लाल समझो मेरे, सदके जाऊँ तेरे, सच्ची ममता बलाएँ थी लेने लगी।
बता शैतान था, हुआ हैवान था, झूठी उल्फत, माँ की खुशी जल गई। जन्म जिसने दिया, दूध जिसका पिया, उसके दिल पर ही उसकी छुरी चल गई।
खून माँ का पियो, बेटा जुग-जुग जियो, तेरी हरकत से माता का मन खिल गया। मरते-मरते यही माँ ने आवाज़ दी, मेरी ममता का मुझको सिला मिल गया।
अपने कातिल को समझे जो कातिल नहीं, माँ के दिल जैसा, दुनिया में कोई दिल नहीं। माँ का दिल, माँ का दिल, माँ का दिल, माँ का दिल।।
माँ के भक्तों सुनो, इससे कुछ सबक लो, दिल भूले से माँ का दुखाना नहीं। ये समझ लो सभी, माँ ने आह जो भरी, लोक-परलोक कहीं भी ठिकाना नहीं।
अंबे माँ के भवन, पीछे रखना कदम, पहले घर बैठी माँ के चरण चूम लो। उसकी आशीष ले, ममता चुनरी तले, सच्ची जन्नत के करके दर्शन झूम लो।
घर में भूखी है माँ, बाहर लंगर लगा, ऐसे इंसान कभी बख्शे जाते नहीं। माँ को पीड़ा से भर, जा के दाती के दर, शेरोंवाली का वो प्यार पाते नहीं।
माँ सा निर्दोष, गुरु कोई कामिल नहीं। माँ के दिल जैसा, दुनिया में कोई दिल नहीं। माँ का दिल, माँ का दिल, माँ का दिल, माँ का दिल।।
Maa Ka Dil By Sonu Nigam [Full Song] I Maa Ka Dil
Maa Ka Dil Album Name: Maa Ka Dil Singer: Sonu Nigam Music Director : SURINDER KOHLI Lyrics : TRADITIONAL