तेरी मुरली की मैं हू गुलाम मेरे भजन
तेरी मुरली की मैं हू गुलाम मेरे भजन
अलबेले श्याम मेरे मतवारे श्याम,
तेरी मुरली की मैं हू गुलाम, मेरे अलबेले श्याम,
होहो,अलबेले श्याम मेरे मतवाले श्याम,
घर बार छोड़ा सब तेरी लगन में,
बावरी भई डोलूँ बृज की गलिन में,
तूने कैसा दिया ये इनाम,
मेरे अलबेले श्याम,
तेरी मुरली की मैं हू गुलाम,
मेरे अलबेले श्याम,
जब से लड़ी निगोड़ी,तुझ संग अँखिया,
चैन नहीं दिन में काटू रो रो के रतियाँ,
मेरी साँसों के माला तेरे नाम,
मेरे अलबेले श्याम,
तेरी मुरली की मैं हू गुलाम,
मेरे अलबेले श्याम,
साँवरे सलोने यही विनती हमारी,
कर दो कृपा मैं हूँ दासी तुम्हारी,
तेरी सेवा करूँ आठों याम,
मेरे अलबेले श्याम,
तेरी मुरली की मैं हू गुलाम,
मेरे अलबेले श्याम,
तेरी मुरली की मैं हू गुलाम, मेरे अलबेले श्याम,
होहो,अलबेले श्याम मेरे मतवाले श्याम,
घर बार छोड़ा सब तेरी लगन में,
बावरी भई डोलूँ बृज की गलिन में,
तूने कैसा दिया ये इनाम,
मेरे अलबेले श्याम,
तेरी मुरली की मैं हू गुलाम,
मेरे अलबेले श्याम,
जब से लड़ी निगोड़ी,तुझ संग अँखिया,
चैन नहीं दिन में काटू रो रो के रतियाँ,
मेरी साँसों के माला तेरे नाम,
मेरे अलबेले श्याम,
तेरी मुरली की मैं हू गुलाम,
मेरे अलबेले श्याम,
साँवरे सलोने यही विनती हमारी,
कर दो कृपा मैं हूँ दासी तुम्हारी,
तेरी सेवा करूँ आठों याम,
मेरे अलबेले श्याम,
तेरी मुरली की मैं हू गुलाम,
मेरे अलबेले श्याम,
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
तेरी मुरली की मैं हूँ ग़ुलाम, मेरे अलबेले श्याम | Nikunj Kamra | Mere Albele Shyam | Bhav Pravah तेरी मुरली की मैं हूँ ग़ुलाम, मेरे अलबेले श्याम- जबसे मैंने श्री कृष्ण की मधुर बांसुरी का श्रवण किया, तबसे मेरा मन उन्हीं में रम गया, अब तो दिल बस यही चाहता है कि मैं उनकी ही सेवा करूँ, उन्हें ही ध्याऊँ!
Singer- Nikunj Kamra
