आरती कुञ्ज बिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी लिरिक्स Tripti Shakya Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics

आरती कुञ्ज बिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी लिरिक्स Tripti Shakya Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics

 
आरती कुञ्ज बिहारी की श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी लिरिक्स Tripti Shakya Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics

आरती कुञ्ज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारि की,

गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला,
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला,
गगन सम अंग कान्ति काली,
राधिका चमक रही आली,
लतन में ठाड़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,
आरती कुञ्ज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,

कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसै,
गगन सों सुमन रासि बरसै,
बजे मोरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की,
आरती कुञ्ज बिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,

जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा,
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुञ्ज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू,
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चाँदनी चन्द, कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की,
आरती कुञ्ज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारि की,
 
श्री कृष्ण जी की आरती बहुत ही मंगल कारी है। इस आरती के बिना पूजा अधूरी ही समझी जाती है। जन्माष्टमी के पर्व पर तो इस आरती का बहुत ही महत्त्व होता है और प्रत्येक घर में इस शुभ कृष्ण आरती को सभी परिवार जन के साथ गाया जाता है। इस रोज व्रत रखना लाभकारी होता है और आधी रात को श्री कृष्ण की विशेष पूजा के समय इस आरती का अधिक महत्त्व है। द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादो माह की अष्टमी को आधी रात में हुआ था और इसी कारण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा आधी रात को किये जाने की परंपरा रही है। कृष्ण के जन्म के बाद उनका सुंदर श्रृंगार किया जाता है, लोग उन्हें झूला झुलाते हैं और विधिवत पूजा आदि की जाती है। पूजा के समय इस कान्हा की आरती को अनिवार्य रूप से गाने से लाभ मिलता है।

आरती कुञ्ज बिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की,
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारि की,
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली

लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक, चंद्र सी झलक
ललित छवि श्यामा प्यारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की

कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं
गगन सों सुमन रासि बरसै
बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग, ग्वालिन संग
अतुल रति गोप कुमारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की,

जहां ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्रीगंगा
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी सिव सीस, जटा के बीच, हरै अघ कीच
चरन छवि श्रीबनवारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की

चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू,
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू,
हंसत मृदु मंद,चांदनी चंद, कटत भव फंद,
टेर सुन दीन भिखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की,
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की,
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।।
Aarti Kunj Bihari Ki Lyrics in English with translation
Aarti Kunj Bihari Ki Shri Giridhar Krishna Murari Ki,
This is the Holy Aarti of Kunj Bihari, the one who held the Govardhan Mountain on his little finger, Lord Shri Krishna.
Gale Mein Baijanti Mala, Bajave Murali Madhur Bala
The Baijanti garland adorns Lord Krishna's neck, as he plays the melodious flute
Shravan Mein Kundal Jhalakala, Nand Ke Anand Nandlala
Lord Krishna wears the kundal in his ears, the son of Nanda
Gagan Sam Ang Kanti Kali, Radhika Chamak Rahi Aali
Moon shines in the darkness of the night, Radha looks glorious
Latan Mein Thadhe Banamali
The one who is the Banmali (the one who wears the Banamala) The Banmali Shree krishna is standing like banmali, Krishna wearing the Banamala)
Bhramar Si Alak, Kasturi Tilak, Chandra Si Jhalak
Shri Krishna ji's hair is curly. There is a Kasturi Tilak on the forehead of Shri Krishna ji. It seems like the moon is feeding.
Lalit Chavi Shyama Pyari Ki, Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Shri Krishna ji's image is very unique.
Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Girdhar Krishna Murari Ki,
Kanakmay Mor Mukut Bilse, Devata Darshan Ko Tarse
who wears the golden crown with the peacock feather (Morpankha)
Gagan So Suman Raasi Barse
As flowers get showered from the sky
Baje Murchang, Madhur Mridang, Gwaalin Sang
The melodious instrument falcon remains Morchan and the melodious beats of the mridang with the company of the Gvalin
Atul Rati Gop Kumaari Ki, Shri Girdhar Krishna Murari Ki
The beauty of Krishna is glorious
Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Girdhar Krishna Murari Ki,
Jahaan Te Pragat Bhayi Ganga, Kalush Kali Haarini Shri Ganga
Smaran Te Hot Moh Bhanga
Basi Shiv Shish, Jataa Ke Beech, Harey Agh Keech
Charan Chhavi Shri Banvaari Ki, Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Girdhar Krishna Murari Ki,
Chamakti Ujjawal Tat Renu, Baj Rahi Vrindavan Benu
Chahun Disi Gopi Gwaal Dhenu
Hansat Mridu Mand, Chandni Chandra, Katat Bhav Phand
Ter Sun Deen Bhikhaaree Ki, Shri Girdhar Krishna Murari Ki
Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Girdhar Krishna Murari Ki,


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आरती कुञ्ज बिहारी की श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की | Kunj Bihari Ji Ki Aarti (with Lyrics)Tripti Shakya Song: Aarti Kunj Bihari Ji Ki
Singer: Tripti Shakya
Video: Anil Kumar
Category: Hindi Devotional
Producers: Amresh Bahadur, Ramit Mathur 

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