देखो चामुंडा नाच रही ताल में भजन

देखो चामुंडा नाच रही ताल में भजन

नेत्र अग्नि-पुंज ज्वाल,
कर रही तांडव कराल,
त्राहि-त्राहि दानवों की चाल में,
देखो चामुंडा नाच रही ताल में,
देखो चामुंडा नाच रही ताल में।।
(अंतरा 1)

खप्पर, त्रिशूल रखें,
भैरवी विपुल रखें,
मस्तक पर चंद्रमा है,
नागिन से केश रखें।

लटक रही अरी, मुंडमाल में,
देखो चामुंडा नाच रही ताल में।।
(अंतरा 2)

खड्ग से मार रही,
पैरों से रौंध रही,
जो काले केशों में,
दामिनी-सी क्रोध रही।

जीभ लपलपाती फिरे, ज्वाल में,
देखो चामुंडा नाच रही ताल में।।
(अंतरा 3)

भक्तों की खातिर, माँ,
धरती पर आती रही,
दुष्टों को मार के,
हमको बचाती रही।

मंत्री भी नाचे, लाई ताल में,
देखो चामुंडा नाच रही ताल में।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)

नेत्र अग्नि-पुंज ज्वाल,
कर रही तांडव कराल,
त्राहि-त्राहि दानवों की चाल में,
देखो चामुंडा नाच रही ताल में,
देखो चामुंडा नाच रही ताल में।।
 


चामुंडा नाच रही ताल में | Chamunda Naach Rahi Taal Me | द्वारका मंत्री
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